अटल जी हम सब को छोड़कर भले ही जा चुके हैं, लेकिन उनकी बातें, कविताएं हम सभी के बीच रहेंगी. जननायक का आज अंतिम संस्कार किया गया. उनकी दत्तक पुत्री, नमिता ने ही उन्हें मुखाग्नी दी.
भारत के इस सपूत को विदाई देने के लिए सड़कों पर हज़ारों लोग उतरे.
राजनीति से संबंध न रखने वाले भी आख़री बार पूर्व प्रधानमंत्री के दर्शन करने रास्तों पर खड़े दिखाई दिए.
अटल जी भले ही किसी एक राजनीतिक पार्टी से संबंध रखते हों, लेकिन उनके लिए देश सर्वोपरि था. अपने मृदुभाषिता और वाक्पटुता से वो अपने विरोधियों को भी अपना बना लेते थे.
उनकी मृत्यु के बाद मॉरीशस ने अपने देश का और भारत का झंडा Half-mast(आधे पोल) पर लहराने का निर्देश दिया.
अफ़गानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करज़ई और भूटान के राजा Jigme Khesar Namgyel Wangchuk भी उनके अंतिम दर्शन के लिए पहुंचे.
तस्वीरें बहुत कुछ कह जाती हैं. अटल जी हमारी स्मृति में हमेशा रहेंगे.