जिस व्यक्ति को ले जा रहे थे दफ़नाने, वही अचानक ताबूत से उठ कर बोल पड़ा कि आखिर यहां क्या चल रहा है?

Manish

कहने वाले ने बिल्कुल सही कहा है, ‘जाको राखे साईयां, मार सके ना कोई’. ऐसा ही कुछ देखने को मिला चीन के Sichuan प्रांत में. यहां रहने वाले Huang Mingquan नामक एक वयोवृद्ध शख़्स ने अचानक सांस लेना बंद कर दिया और उनके हाथ-पैर भी ठंडे पड़ गये.

इन सबको देख कर Huang के बेटे और अन्य रिश्तेदारों ने उन्हें मृत समझ कर उनके अंतिम संस्कार की तैयारियां शुरू कर दी. अंतिम संस्कार की तैयारियों को शुरू किया जा चुका था, उनके शरीर को अनेक मरणोपरांत पहनाये जाने वाले आभूषणों से सजाया जा चुका था. 

उसके बाद जैसे ही उनके ताबूत को ले कर परिवारजनों का कारवां घर से निकला ही था कि Huang अपने ताबूत को खोल कर बोल पड़ते हैं, भाई, यहां ये सब हो क्या रहा है?

यह सब देख कर पहले तो सब चौंक गये, उसके बाद परिवार के इस 75 वर्षीय मुखिया को घर लाया गया. सभी ने उनसे माफ़ी भी मांगी.

फ़िलहाल Huang अपने घर पर ही आराम कर रहे हैं और घरवालों की तरफ़ से उनकी देखभाल का विशेष ध्यान भी रखा जा रहा है. घर पर इकट्ठा हुए रिश्तेदार भी इस वाकये को देख कर अजीब सी परिस्थिति में फंसे हुए हैं कि अब वो वापिस अपने-अपने घर जायें या Huang के घर पर ही रुके रहें.

इस तरह की अनेक घटनाएं पहले भी कई बार देखने और सुनने को मिलती रही हैं, जहां मुर्दा घोषित किये जाने बाद मृत व्यक्ति फिर से जी उठता है. इसीलिए तो कहा जाता है, मारने वाले से बचाने वाला बड़ा होता है.  

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