इंदौर के एक फल वाले की बेटी का फ़िल्मों तक का सफ़र ये साबित करता है कि हौसलों से ही उड़ान होती है

Sanchita Pathak

सपनों की कोई सीमा नहीं होती. सपनों की सबसे ख़बूसूरत बात यही है. इन्हें हर कोई देख सकता है, बस ज़रा सी हिम्मत उन्हें सच करने के लिए भी लगती है. ज़िन्दगी में चाहे कितनी भी मुश्किलें क्यों ना आयें, अगर आपके हौसले बुलंद हों, तो मुश्किलों को आसान होते देर नहीं लगती.

ऐसी ही कहानी है इंदौर की ज्वाला शेख़ उर्फ़ आफ़रीन की. आफ़रीन पेशे से एक Costume Designer हैं. बेहद आम सी लगने वाली ये दास्तान आम नहीं है. आफ़रीन के पिता फल बेचकर अपना घर चलाते हैं. गरीब घर में, लड़की बनकर पैदा होना आसान है, पर जीना ज़रा मुश्किल. बहुत कम ही परिवार हैं, जो ऐसे हालातों में अपनी बच्चियों के सपनों को एहमियत देते हैं. लेकिन जब आफ़रीन के पिता ने अपनी आर्थिक परेशानियों को परे हटाकर आफ़रीन की इच्छाओं को तवज्जो दी.

छोटे शहर में फल बेचने वाले के लिए अपनी बेटी के सपनों को पूरा करना आसान नहीं. लेकिन आफ्रीन के पिता ने सारी परेशानियां उठाई और अपने बेटी के बॉलीवुड में Costume Designer बनने के सपने को पूरा किया.

बचपन से ही आफ़रीन अपने सपने को लेकर बहुत सीरियस थी. जब गरीब घर के बच्चे जीने के बारे में सोचते थे तब आफ़रीन अपने सपने के बारे में सोचती थी. इंदौर से फ़ैशन डिज़ाइनिंग के कोर्स करने के बाद वो मुंबई आ गई. शुरुआत में मुंबई में उन्हें काफ़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ा. लेकिन किस्मत से उनकी मुलाकात डायरेक्टर सत्य दूबे से हुई और आफ़रीन को उन्होंने एक एल्बम के लिए सेलेक्ट कर लिया.

इस एल्बम ने आफ़रीन को वो पॉपुलरिटी दिलाई, जिसकी उन्हें ज़रूरत थी. इसकी के साथ उन्हें फ़िल्मों के ऑफ़र भी आने लगे. वे परेश रावल के साथ भी एक फ़िल्म में नज़र आने वाली हैं.

आफ़रीन को कई फ़िल्मों के ऑफ़र मिल रहे हैं पर उन्होंने अपने पहले सपने को नहीं छोड़ा है. Costume Designing के करियर की शुरुआत उन्होंने आकाश पांडे की ‘भंवर’ के साथ की. इस फ़िल्म के लिए उन्होंने Traditional और Western दोनों ही तरह के Outfits डिज़ाइन किए हैं.

फ़िलहाल वो अनुपम खेर की आने वाली फ़िल्म के लिए Costume Design कर रही हैं. सच है, सपने उन्हीं के पूरे होते हैं, जो सपने देखने की हिम्मत करते हैं.

Source: Topy Aps

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