दिल्ली कमीशन फ़ॉर वुमन (DCW) की एक वॉलन्टियर को उत्तर-पूर्वी दिल्ली के नरेला ज़िले में पीटा गया और कपड़े उतारकर घुमाया गया. उस महिला का कुसूर सिर्फ़ इतना था कि उसने ग़ैरकानूनी शराब को एक घर से ज़ब्त करवाने में मदद की थी.
रोहिणी क्षेत्र के डीसीपी, रजनीश गुप्ता ने DCW के इन आरोपों पर एक बड़ा ही अनैतिक बयान देते हुए कहा कि पीड़िता के कपड़े उतारकर उसे पूरे क्षेत्र में नहीं घुमाया गया, उसके कपड़े सिर्फ़ ज़रा से फटे थे और उसे महिलाओं का गुट ही पीट रहा था. डीसीपी ने ये भी कहा कि महिला के साथ हुई हिंसा में कोई पुरुष सम्मिलित नहीं था.
DCW की चीफ़, स्वाति जय हिन्द ने कहा कि पीड़िता को पुरुषों और महिलाओं की एक भीड़ ने पीटा और ज़लील किया.
Hindustan Times से बात करते हुए उन्होंने कहा,
शराब की अवैध दुकान के मालिक और कुछ अन्य पुरुषों और महिलाओं ने उसे लोहे की छड़ों से पीटा, उसके कपड़े फाड़ दिए और पूरे क्षेत्र में नग्न करके घुमाया
एक वीडियो स्टेटमेंट में पीड़िता ने भी कहा कि उन्हें बुरी तरह पीटा गया और कपड़े उतारकर घुमाया गया. पुलिसवाले जब उसे बचाने लगे तो उसे भी पीटा गया. उन्होंने ये भी कहा कि DCW की चीफ़ के साथ भी वे ऐसा ही करेंगे.
पुलिस के अनुसार पीड़िता, ‘नशा मुक्ति पंचायत’ की सदस्य हैं और बुधवार को उसने शराब और बियर की कई बोतलों को ज़ब्त करने में मदद की थी.
गुरुवार को महिलाओं और पुरुषों के एक गुट ने उसे घेरा और उसके साथ वो किया जो शायद कोई भी सपने में भी नहीं सोच सकता.
पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है और मामले की जांच कर ली है.
इस देश में शराब की कुछ बोतलों की क़ीमत किसी औरत की इज़्ज़त से कहीं ज़्यादा है, ये तो पता चल गया. लेकिन महिलाओं द्वारा एक महिला का ही ऐसा शोषण? क्या ग़लत को ग़लत बोलना ग़लत है?