दिल्ली पुलिस ने साल 2017 में 1951 वॉन्टेड अपराधियों को पकड़ा था. ये संदिग्ध हत्या, लूटपाट, बलात्कार, वाहन चोरी जैसे अपराधों में लिप्त थे. ख़ास बात ये है कि इनमें से एक चौथाई से ज़्यादा वांछितों को सिर्फ़ 5 पुलिस वालों ने सलाखों के पीछे पहुंचाया है. दिल्ली पुलिस के गलियारों में ये Star Catchers के नाम से जाने जाते हैं. चलिए आपको मिलवाते है दिल्ली पुलिस के रियल सिंघम से.
ASI राजेश कुमार पहल- पंजाबी बाग पुलिस स्टेशन
राजेश कुमार ने सबसे ज़्यादा 129 अपराधियों को उनके अंजाम तक पहुंचाया है. कमाल की बात तो ये है कि इन्होंने बतौर ड्राइवर अपनी सर्विस की शुरुआत की थी. इस बीच इन्होंने अपने सीनियर्स को कई अपराधियों को पकड़ने में मदद की. इन्होंने एक वांछित अपराधी को कैच करने के लिए ट्रांसपोर्टर की एक्टिंग की थी. राजेश के ज़ज्बे को देखते हुए इन्हें प्रमोट कर दिया गया और ये बन गए एएसआई. अब तक इन्होंने 1500 घोषित अपराधियों को पकड़ा है.
ASI भगवान सिंह- जामिया नगर पुलिस स्टेशन
भगवान सिंह ने 107 अपराधियों को जेल की सलाखों के पीछे पहुंचाया हैं. इनमें से एक शातिर अपराधी को पकड़ने में इनके 15 फ़ेल्ड अटेंप्ट लगे. लेकिन 4 महीने बाद आखिरकार उसे पकड़ लिया. उस अपराधी पर बलात्कार का आरोप था और बेल मिलने के बाद से ही वो फ़रार था.
ASI नरेश राणा- अलीपुर पुलिस स्टेशन
इस लिस्ट में तीसरे नंबर पर हैं नरेश राणा, जो इन पांचों में से सबसे अनुभवी और उम्रदराज़ ऑफ़िसर हैं. इन्होंने 100 अपराधियों को पकड़ा है. इस साल की शुरुआत में भगवान सिंह ने अपनी इंटेलिजेंस से 15 साल से गायब 98 साल की महिला राजरानी को पकड़ा था. राजरानी पर अवैध शराब बेचने का आरोप था और ये बेल पाने के बाद से ही फ़रार थी.
ASI कृष्ण कुमार यादव-संगम विहार पुलिस स्टेशन
कृष्ण कुमार ने दिल्ली पुलिस में बतौर हवलदार अपनी सेवा शुरू की थी. इसके बाद एक प्रदर्शन के दौरान कृष्ण घायल हो गए और डॉक्टर ने इन्हें ज़िदंगी भर न दौड़ पाने की बुरी ख़बर बताई. फिर किसी ने इन्हें बताया कि वो अपना इंस्पेक्टर बनने का सपना अब भी साकार कर सकते हैं, अगर वो वांछित अपराधियों को पकड़ने में अपना ध्यान लगाएं. पिछले साल कृष्ण ने 86 अपराधी पकड़वाए और उन्हें एएसआई के पद पर प्रमोट कर दिया गया.
ASI जगत सिंह जाटव- पालम विलेज पुलिस स्टेशन
जगत सिंह ने बिजनौर से एक अपराधी को पकड़ने के लिए किसान का भेष धरा था. इसके बाद वो अपराधी को पकड़ने में कामयाब तो रहे, लेकिन उन्हें अपराधी के गांववालों के विरोध का समाना करना पड़ा था. मगर फिर भी वो अपनी सूझ-बूझ के साथ उसे दिल्ली लाने में कामयाब हुए थे. 2017 में जाटव 76 अपराधियों को पकड़ने में कामयाब हुए थे.
दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता और स्पेशल कमिश्नर, पुलिस दीपेंद्र पाठक ने इनके बारे में बात करते हुए कहा- ‘संदिग्ध और आपराधिक प्रवृति के क्रिमिनल्स को पकड़ना अपने आप में एक बहुत बड़ी चुनौती है. एक ऑफ़िसर को अपने दायित्व के साथ ही एक्स्ट्रा केयरफु़ल रहना होता है और साहस दिखाना होता है. कई बार ये अपराधी Sensitive Areas में रहते हैं, जहां इनके सपोटर्स की कोई कमी नहीं होती. एक छोटी सी ग़लती बहुत भारी पड़ सकती है. लेकिन फिर भी ये अपने काम को अंजाम तक पहुंचाने में कामयाब रहते हैं.’
इन सभी अफ़सरों को एक नॉर्मल ऑफ़सर की तरह ही पटरोलिंग, लॉ एंड ऑर्डर, कचहरी आदि जैसे रेगुलर कार्य दिए जाते हैं. लेकिन इसके साथ ही ये वॉन्टेड अपराधियों को भी धर दबोचने में कामयाब रहते हैं. एक वॉन्टेड अपराधी को ट्रेस करना और उसे अरेस्ट करने का जो रोमांच है, इन्हें काफ़ी पसंद है.
उम्मीद है दिल्ली पुलिस के इन Star Catchers से बाकी ऑफ़सर भी प्रेरित होंगे और देश की राजधानी को अपराध मुक्त बनाने में अपना सहयोग देंगे.