ज़मीन पर उगने वाली सब्ज़ी खाई होगी, क्या कभी बिजली, जंगल की आग और बर्फ़ से उगने वाली सब्ज़ी खाई है?

Sanchita Pathak

आलू-प्याज़-टमाटर जैसी सब्ज़ियां 20-30 रुपये किलो में मिल जाती हैं. इन सब्ज़ियों के दाम अगर 100 रुपये किलो भी हो जाए, तो हाय-तौबा मच जाती है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुनिया में ऐसी भी सब्ज़ियां हैं, जो 30 हज़ार रुपये किलो बिकती है?

पर एक ऐसी सब्ज़ी भी है जो बाज़ार में 30 हज़ार रुपये किलो बिकती है. ये सब्ज़ी विदेश में नहीं, अपने ही देश में उगाई जाती है. ये सब्ज़ी है गुच्छी या स्पंज मशरूम. इस सब्ज़ी को हिमाचल प्रदेश, कश्मीर और हिमालय पर्वत के आस-पास के इलाकों में उगाया जाता है. ये बर्फ़ीले इलाकों में ही उगती है. यहां प्रचलित कहानियों की माने, तो ये सब्ज़ी प्राकृतिक रूप से, बिजली की चमक, गड़गड़ाहट और बर्फ़ से ही उगती है. ये भी कहा जाता है कि जिन जंगलों को दावानल के कोप का भाजन बनना पड़ा हो, वहां ये और अच्छे से उगती है.

Wikipedia

पाकिस्तान के स्कॉलर्स ने भी इस सब्ज़ी पर शोध की है. वहां के वैज्ञानिकों का कहना है कि इस सब्ज़ी को ढूंढने के लिए लोग अपनी आंखों पर काजल लगाते थे. स्थानिय लोगों को मानना है कि ऐसा करने से ये सब्ज़ी आसानी से मिल जाती है.

शिमला के कई बाज़ारों में गुच्छी फरवरी से अप्रैल के बीच मिलती है. इस सब्ज़ी से काफ़ी मुनाफ़ा होता है. बेरोज़गार भी जंगलों में गुच्छी ढूंढकर कुछ पैसे कमा लेते हैं.

Prairie Farmland

ये एक दुर्लभ सब्ज़ी है और बड़ी-बड़ी कंपनियां इसे हाथों-हाथ ख़रीती हैं. कंपनी इस सब्ज़ी को 10-15 हज़ार रुपये किलो ख़रीदते हैं, लेकिन बाज़ार में ये 25-30 हज़ार रुपये किलो बिकती है.

इस सब्ज़ी की मांग सिर्फ़ भारत में ही नहीं, बल्कि अमेरिका, इटली, फ्रांस, यूरोप जैसे कई देशों में भी है. इस सब्ज़ी की सबसे बड़ी ख़ासियत है कि इसको खाने से दिल की बीमारियां नहीं होती.

Gaon Connection

अगर आप भी जानते हैं ऐसी ही किसी गज़ब की सब्ज़ी या फल के बारे में, तो हमें कमेंट में बताना न भूलियेगा. कुछ जानकारी हमें भी हो जाएगी.

आपको ये भी पसंद आएगा
बेवफ़ा समोसे वाला: प्यार में धोखा मिला तो खोल ली दुकान, धोखा खाये लवर्स को देता है डिस्काउंट
जानिये दिल्ली, नई दिल्ली और दिल्ली-NCR में क्या अंतर है, अधिकतर लोगों को ये नहीं मालूम होगा
जानिए भारत की ये 8 प्रमुख ख़ुफ़िया और सुरक्षा जांच एजेंसियां क्या काम और कैसे काम करती हैं
मिलिए गनौरी पासवान से, जिन्होंने छेनी व हथोड़े से 1500 फ़ीट ऊंचे पहाड़ को काटकर बना दीं 400 सीढ़ियां
ये IPS ऑफ़िसर बेड़िया जनजाति का शोषण देख ना पाए, देखिए अब कैसे संवार रहे हैं उन लोगों का जीवन
अजय बंगा से लेकर इंदिरा नूई तक, CEO भाई बहनों की वो जोड़ी जो IIM और IIT से पास-आउट हैं