61 साल पहले आज ही के दिन ‘दूरदर्शन’ की शुरुआत हुई थी. 15 सितंबर 1959 को दिल्ली में ‘दूरदर्शन’ की शुरुआत हुई थी. इस दौरान चैनल को टेस्टिंग फ़ेज में रखा गया था, जिसे नाम दिया गया था ‘टेलीविजन इंडिया’.
सन 1975 में ‘टेलीविजन इंडिया’ का नाम बदलकर ‘दूरदर्शन’ कर दिया गया. जब ‘दूरदर्शन’ की शुरुआत हुई थी तो इस पर सप्ताह में 3 दिन आधा-आधा घंटे के प्रोग्राम प्रसारित होते थे. साल 1965 में ‘दूरदर्शन’ पर रोजाना कार्यक्रम प्रसारित होने लगे. इस दौरान 5 मिनट के न्यूज़ बुलेटिन भी शुरू हुए. लेकिन, टीवी की ग्रोथ शुरुआत में बेहद धीमी रही.
‘दूरदर्शन’ नेटवर्क’ के आज चौबीसों घंटे दुनियाभर में कई चैनल चलते हैं, लेकिन साल 1975 तक ‘दूरदर्शन’ केवल 7 शहरों तक ही सीमित था. साल 1982 में ‘रंगीन टीवी’ आने और भारत में पहली बार ‘एशियाई खेलों’ के प्रसारण की वजह से ‘दूरदर्शन’ की लोकप्रियता कई गुना बढ़ा गई. ये वही वो दौर था भारत में टीवी की दुनिया ने जन्म लिया था.
इस दौरान ‘दूरदर्शन’ के लिए नए-नए प्रोग्राम बनने लगे. सुबह, दोपहर और शाम प्रोग्राम प्रसारित होने लगे. शाम को हर रोज ‘कृषि दर्शन’, हफ़्ते में 2 बार ‘चित्रहार’ और रविवार को आने वाली ‘रंगोली’ की लोकप्रियता बढ़ने लगी. साल 1966 में शुरू हुए ‘कृषि दर्शन’ का योगदान देश में ‘हरित क्रांति’ लाने में भी रहा है.
आज 2 राष्ट्रीय और 11 क्षेत्रीय चैनलों के साथ दूरदर्शन के कुल 21 चैनल प्रसारित होते हैं. 14 हज़ार जमीनी ट्रांसमीटर और 46 स्टूडियो के साथ ‘दूरदर्शन’ देश का सबसे बड़ा प्रसारणकर्ता है.
इस ख़ास मौके पर सोशल मीडिया पर लोग पुराने दिनों को याद कर रहे हैं-