DU की Cut-Off लिस्ट ने दिल्ली में पढ़ने का सपना तोड़ा था, पर आज मैं अच्छे कॉलेज से ग्रेजुएट हूं

Sanchita Pathak

दिल्ली यूनिवर्सिटी की पहली कट-ऑफ़ लिस्ट आ चुकी है और हर साल की तरह इस साल भी मेरे दिल से आह निकली है.

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12वीं में 70% आए थे, घरवालों के लिए तो काफ़ी थे, मगर स्कूल को मुझसे और ज़्यादा उम्मीदे थीं. उन्हें लगा था मुझे DU में एडमिशन मिल जाएगा, लेकिन ऐसा हुआ नहीं!

नहीं, मेरे साथ कुछ ग़लत नहीं हुआ भाई लोगों, मेरे पास ग्रेजुएशन की डिग्री है.

DU ही क्यों?

जैसे चाय के लिए इलायची, शायद वैसे ही ग्रेजुएशन के लिए DU.

मज़ाक छोड़कर. देश के Famous और अच्छे विश्वविद्यालयों में से एक है DU. Central University न होने के बावजूद ये Central Universities को पढ़ाई और Exposure के मामले में टक्कर देती है. 

Cut-Off का King, DU

Cut-Off जारी करने वाले विश्वविद्यालयों का बाप है दिल्ली विश्वविद्यालय. जिस यूनिवर्सिटी के कॉलेज की Cut-Off पर प्राइम टाइम डिबेट हो जाये, उसमें कुछ तो बात होगी.

India.com

2018 की Cut Off के अनुसार, B.A Programme Course में दाखिला लेने के लिए किसी भी छात्र को 12वीं में 98.75% या उससे अधिक अंक लाना ज़रूरी है.

श्री राम कॉलेज ऑफ़ कॉमर्स ने B.A. Economics (Honors) के लिए Cut-Off रखी है, 98.50%. पिछले साल ये Cut Off 97.75% थी.

College Dunia

हालांकि Cut Off की तीसरी, चौथी लिस्ट भी आती है, लेकिन ज़रा सोचिये जिसके 98% नंबर आये हों वो पहली Cut Off के हिसाब से श्रीराम कॉलेज में दाखिले के योग्य नहीं है.

दिल्ली विश्वविद्यालय को लेकर देशभर के छात्रों में Craze है. स्कूल में 12वीं में Arts और Commerce के बच्चे आगे चलकर, DU में एडमिशन लेने की बातें करते नज़र आते थे.

Why DU Bro?

Higher Education Plus

एक सवाल अब मन में तेज़ी से हिलौरे मारता है.

क्यों? DU को लेकर सारे बच्चे इतने पगलाए क्यों रहते हैं? देश में और भी विश्वविद्यालय हैं भाई, जहां बाक़ायदा Entrance और कहीं-कहीं तो Interview के बाद ही एडमिशन लिया जाता है.

जहां तक समझ पहुंचती है, उसके मुताबिक तो यही लगता है कि हर छात्र दो वजहों से ही इसकी तरफ़ आकर्षित होता होगा-

1. ये दिल्ली है मेरे यार

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दिल्ली, यानि की राजधानी, यानि कि अति का Exposure.

2. Exposure

देश की राजधानी, बहुत कुछ नया सीखने की अनगिनत Possibilities सबको यहां खींच लाती है. 

96% लाकर भी अगर एडमिशन ने मिले तो निराश मत होना

Mashable

96% लाकर भी अगर किसी छात्र का एडमिशन DU में न हो, तो उसे निराश नहीं होना चाहिए. देश में कई ऐसे विश्वविद्यालय हैं जहां से पढ़ाई की जा सकती है. और छात्र अगर अच्छा हो, तो वो कहीं से भी अच्छी पढ़ाई कर लेता है. निराश मत होना, सिर्फ़ DU में एडमिशन नहीं मिला है, दुनिया अभी कायम है. 

सही Course चुनना ज़रूरी है यार

DU है, इसका मतलब वहां का हर कॉलेज या फिर हर कोर्स अच्छा हो, ये ज़रूरी नहीं. DU जाकर किसी ने संस्कृत में सर्टिफ़िकेट कोर्स किया, तो वो थोड़ी कम समझदारी वाली बात हो जाएगी. है न?

क्योंकि संस्कृत की अच्छी पढ़ाई BHU या अलाहबाद यूनिवर्सिटी से होती है (Fact है).

माना Commerce, Economics, English Literature के लिए DU बेहतरीन जगह है, लेकिन ये एकमात्र जगह तो नहीं? सिर्फ़ DU की मार्कशीट के लिए वहां के किसी भी कॉलेज में दाखिला लेना सही होगा क्या? ख़ुद सोचो.

Fest और Exposure की चकाचौंध में Curriculum को भूल न जाना

Embibe

DU में कई Societies(Literature, Drama) आदि हैं, जिससे किसी भी छात्र का Overall Development होता है, लेकिन इस चक्कर में पढ़ाई और कॉलेज को नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए.

अंत में ज्ञान ही काम आता है

सौ बात की एक बात. आज की हालत को देखते हुए ये कहना ग़लत नहीं होगा कि डिग्री कहीं की भी हो, अगर ज्ञान और जानकारी के नाम पर तुम्हारे पास बाबा जी का ठुल्लू है तो दोस्त, जीवन में काफ़ी दिक्कतें आयेंगी.

अगर आप भी DU के किसी Crazy Fan को जानते हैं तो उन्हें अपनी समझाइश दीजिये. लेख कैसा लगा, कमेंट बॉक्स में बता देना. 

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