हम गौर करें तो, हमारी लाइफ़ को बेहतर और आसान बनाने में विज्ञान का बहुत बड़ा हाथ है. हम चारों तरफ़ विज्ञान के अविष्कारों से घिरे हुए हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि वैज्ञानिकों द्वारा किए गए कई भयानक और दिल दहला देने वाले एक्सपेरिमेंट्स की जानकारी हम तक पहुंचती ही नहीं. आज दुनियाभर के कुछ ऐसे ही एक्सपेरिमेंट्स के बारे में हम आपको बताने वाले हैं, जो बुरी तरह से फ़ेल हुए और कई लोगों की मौत का कारण भी बने.
1. US नेवी द्वारा अपने ही सैनिकों पर Mustard Gas का इस्तेमाल किया गया था. सैनिकों को इस बात का पता नहीं था कि इससे वो काफ़ी ख़तरनाक बीमारियों से ग्रसित हो सकते हैं. वैज्ञानिकों ने दूसरे विश्व युद्ध के दौरान विरोधियों पर इस गैस के इस्तेमाल का मन बनाया था, लेकिन ये कितनी कारगर साबित होगी इसके लिए उन्होंने अपने ही सैनिकों पर इसका इस्तेमाल किया. इसके परिणाम इतने भयानक थे कि इसके बाद कई सैनिकों की जान चली गई और कई गम्भीर बीमारियों से ग्रसित हो गए. इस एक्सपेरिमेंट को 3rd डिग्री से भी भयानक माना गया और इसे बंद कर दिया गया.
2. दूसरे विश्व युद्ध के दौरान कई तरह के एक्सपेरिमेंट्स हुए थे. इसमें से कुछ हद से ज़्यादा खतरनाक थे. इस विश्व युद्ध के दौरान गर्भवती महिलाओं पर भी एक्सपेरिमेंट किए गए. उन्हें एक तरीके का पेय पदार्थ पिलाया गया और कहा गया कि इससे होने वाले बच्चे काफ़ी स्वस्थ होंगे. लेकिन हुआ इसके बिलकुल उल्टा. करीब 829 गर्भवती महिलाओं पर ये एक्सपेरिमेंट किया गया. हर बच्चा मरा हुआ पैदा हुआ, साथ ही महिलाओं को त्वचा संबंधी बीमारियों का सामना करना पड़ा था.
3. 1937 से 1945 तक जापान के वैज्ञानिकों ने चीन और रुस के लोगों के साथ एक एक्सपेरिमेंट किया था. इसमें जिंदा लोगों के शरीर के अंग निकाले जाते थे. बच्चों, महिलाओं यहां तक की गर्भवती महिलाओं को भी इस एक्सपेरिमेंट में शामिल किया गया था. इस एक्सपेरिमेंट को वैज्ञानिकों ने ‘Unit 731’ नाम दिया. ये एक्सपेरिमेंट इतनी बुरी तरह विफल रहा कि इसमें शामिल किए गए हर व्यक्ति को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा.
4. साल 1932 में अमेरिका की Public Health Service द्वारा एक अजीब एक्सपेरिमेंट किया गया. Public Health Service के डॉक्टर्स ने एक दवाई की खोज की, जिसके इस्तेमाल से लोगों की हेल्थ को कंट्रोल किया जा सकता था. इस दवाई के एक्सपेरिमेंट्स के लिए गरीब लोगों का इस्तेमाल किया गया. एक्सपेरिमेंट के दौरान उन्हें एक वक़्त का खाना दिया जाता था. इस दवाई का इस्तेमाल जिन-जिन लोगों पर हुआ, उनकी मौत 2 महीने के अंदर हो गई. लेकिन सबसे बुरी बात ये थी कि इस दवाई का एक्सपेरिमेंट इसके बाद भी कई सालों तक किया जाता रहा.
5. समलैंगिकता को शुरुआत में बीमारी माना जाता था. इसके इलाज के लिए 1969 में Dr. Aubrey Levin ने एक्सपेरिमेंट किए. समलैंगिकता का पता लगाने के लिए Dr. Aubrey Levin लोगों को शख़्स की नंगी तस्वीर दिखाते थे और अगर किसी के इंसान के अंदर कुछ हरक़त हो तो उसके गुप्तांग पर इलैक्टिक शॉक दिए जाते थे. Dr. Aubrey Levin का मानना था कि इससे समलैंगिकता को दूर किया जा सकता था.
6. रूस के एक रिसर्चर Josef Mengele ने 1943 में एक अजीब एक्सपेरिमेंट किया. जुड़वां बच्चों में अंतर के लिए एक दवाई ईजाद की गई. इसे गर्भवती महिलाओं को खिलाया गया. लेकिन इस दवाई का असर ये हुआ कि एक भी जुड़वां बच्चा 2 महीने से ज़्यादा जिंदा नहीं रहा.
7. University of lowa ने साल 1939 में एक एक्सपेरिमेंट किया. इसमें बच्चों के दो ग्रुप बनाए गए. पहले ग्रुप को हर वक़्त Positive Speech दी जाती थी और दूसरे को सिर्फ़ Negative Speech दी जाती थी. इसका नतीजा ये हुआ Positive Speech वाले बच्चे तो स्वस्थ थे, लेकिन Negative Speech सुनने वाले बच्चे अपनी पूरी ज़िंदगी में कई बीमारियों से ग्रसित रहे. इसमें सबसे प्रमुख थी डिप्रेशन.
8. University of California ने 1960 में नवजात बच्चों के ऊपर कई एक्सपेरिमेंट किए. इन बच्चों के साथ डॉक्टर्स ने Blood Pressure और Blood Flow जैसी चीज़ बदलने का एक्सपेरिमेंट किया. करीब 59 बच्चों पर इसे आज़माया गया और एक भी बच्चे को ज़िंदा नहीं बचा पाया गया.
9. San Quentin हॉस्पिटल के Chief Surgeon, Dr. Leo Stanley ने अमेरिका की जेल में कैद कई कैदियों के साथ ख़तरनाक एक्सपेरिमेंट किए. इसमें कैदियों के अंगों को बदलने का एक्सपेरिमेंट सबसे बड़ा और ख़तरनाक था. इसकी वजह से कई कैदियों ने अपनी जान गवां दी. इसके बाद इस तरह के दर्दनाक एक्सपेरिमेंट्स को बंद कर दिया गया.
10. Syphilis नाम के एक एक्सपेरिमेंट को अमेरिका की फ़ौज के साथ भी किया गया. इस कारण कई फ़ौजी Sexually Transmitted Diseases के शिकार हो गए और ज़्यादातर सैनिकों की मौत हो गई.
11. जर्मनी एयरफ़ोर्स ने साल 1942 में अपने पायलट्स का साथ देने के लिए कैदियों को प्लेन के साथ बांधने का अजीब एक्सपेरिमेंट किया. जहां इन कैदियों को बांधा जाता था, वहां ऑक्सीज़न की मात्रा काफ़ी कम होती थी. इन कैदियों के साथ करीब 8000 से ज़्यादा अलग-अलग एक्सपेरिमेंट्स किए गए. कई कैदियों ने इस कारण अपनी जान गंवा दी.