घर के इन 10 छोटे-छोटे कामों को करने में हैं बड़े-बड़े फायदे

Priyodutt Sharma

कई बार इस बात को लेकर आपके सामने सवाल खड़ा हुआ होगा कि आखिर स्वस्थ कैसे रहें? स्वस्थ रहने के लिए क्या किया जाये? क्योंकि सेहत से जुड़ा मसला लोगों को हमेशा ही चिंतित करता है. चलिए आपको बता देते है कि घर के छोटे-छोटे काम करके आप स्वस्थ रह सकते हैं और फिट रह सकते हैं.

1. घर में झाड़ू लगाना शुरु करें

पहली बात तो ये कि झाड़ू लगाने से घर की सफाई होती है और दूसरी बात ये कि झुक कर सफाई करने से कमर संबंधी दिक्कतें नहीं होती. हाथ की भी इसमें एक्ससाईज़ होती है.

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2. ओखली और मुसल में मसाला पीसें

वैसे इसे दौरी-कूटा भी कहा जाता है. इसमें बनी प्याज की चटनी और रात की रोटी खाने का स्वाद ही कुछ ओर है. अरे-अरे लेखक तो पेट की ओर चला गया. इसमें मसाला पीसने से बाइसेप्स सही रहते हैं. कंधे मजबूत होते हैं.

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3. कुल्हाड़ी चलायें, फावड़ा चलाएं

हम यहां किसी तरह के पेड़ काटने की सलाह नहीं दे रहे हैं लेकिन लकड़ी काटने का तरीका और सही तरीके से कुल्हाड़ी चलाने का तरीका आपको आना चाहिए. इससे बैक मजबूत होती है. हाथ में हालांकि छाले पड़ जाते हैं. जब कुल्हाड़ी पेड़ से टकराती है, तो मुलायम-मुलायम हाथ कांपने लगते हैं, ये एक तरह से हाथों की एक्सरसाईज़ है. फावड़ा चलाने से भी जांघ और बैक की एक्सरसाईज़ होती है.

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4. बर्तन धोने से बढ़ती है एकाग्रता

बर्तन धोने का काम बड़ी संजीदगी का काम है. जिन बर्तनों में आप खाना खाते हैं, उन्हें धोते वक़्त उन पर अच्छे से ध्यान लगाने से एकाग्रता बढ़ती है. शोध से ये बात साबित हो चुकी है.

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5. सिल-वट्टे पर खाने का मसाला पीसें

सिल पर वट्टा रगड़ने से बाजू की एक्सरसाईज़ होती है. अपने आस-पास उन महिलाओं को गौर से देखें जो सिल-वट्टे पर मसाला पीसती हैं, आपको पता चल जायेगा कि इससे हाथों की कैसे एक्सरसाईज़ होती है.

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6. पोछा लगाने से होती है कमर मेनटेन

झाड़ू तो लगा ली जनाब. अब ज़रा पोछा भी लगा लीजिए. अरे-अरे वाइपर से नहीं बल्कि हाथ से. घुटनों के बल नीचे बैठकर पोछा लगाने के कमर का एक हिस्से की मासपेशियों में काफी़ ज़ोर पड़ता है, जिसे उनकी मजबूती बढ़ती है. और हां पोछा लगाने से पेट भी नहीं निकलता. स्लिम-ट्रिम रहता है बंदा.

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7. कपड़े धोना और निचोड़ना

कपड़े धोना वैसे बड़ा मशक्कत का काम है. कपड़े धोने के लिए साबुन को कई देर तक कपड़े पर मसलना पड़ता है और अगर थापी कपड़े पर मारनी पड़े, तो बात ही क्या है. कपड़े धोने से हाथों और पैरों की अच्छी एक्सरसाईज़ हो जाती है. कपड़े निचोड़ने में जो लोग आलस करते हैं, वो ये जान लें कि कपड़े निचोड़ने के लिए ज़ोर लगाना पड़ता है. ज़ोर बहुत कम लोगों के पास होता है. ये लगातार लगाने से ही बढ़ता है.

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8. घर के बाकी काम साइकिल पर करना

हरेक घर में छोटे-छोटे काम होते हैं. मसलन आटा लाना, सब्जी लाना, तमाम ज़रूरतों के लिए कुछ ना कुछ करना. इन सभी कामों को गर आप साइकिल पर कर सकते हैं, तो बेहतर है. पहले वादा अपने आप से करें कि बाहर के सारे काम साइकिल पर या फिर पैदल जाकर ही करेंगे तो सही रहेगा.

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9. आटा गूंधना और रोटी बेलना

हमारे भारतीय समाज में हालांकि रसोई का सारा काम महिलाओं के हिस्से ही कर दिया गया है, लेकिन आप कभी आटा गूंध कर देखिए. जब पानी आटा में मिलने लगता है तो एक जकड़ बन जाती है. उस जकड़ को तोड़ना और मुलायम करना बड़े ज़ोर का काम है साहब. आटे को लोच लगाने के लिए भी कंधे और हाथ की सारी ऊंगलियों का ज़ोर लगता है. इससे ग्रिप मज़बूत होती है. इसके साथ ही रोटी बनाने से कलाई और उससे ऊपर का हिस्सा मज़बूत होता है.

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10. पौधे लगाएं

ये कला का एक काम है. इससे ध्यान अन्य बेकार से कामों की ओर से हटकर प्रकृति की ओर लगता है. और उस्ताद प्रकृति का काम आपको हेल्दी तो रखेगा ही.

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काम, काम ही होता है. इसे किसी लिंग से जोड़कर नहीं देखना चाहिए कि ये काम तो महिलाओं के हैं. या फिर मर्दों को ऐसे काम शोभा देते हैं भला? इस टाइप की गर आपकी सोच है, तो ये आर्टिकल पढ़ने के बाद भी ना पढ़ें. गर आप अपने आप को किसी भी हालत में चुस्त-दुरुस्त रखना चाहते हैं, तो आज की रोटी आप बनायेंगे. चाहे वो लड़का हो या लड़की. कहना हम ये चाहते हैं भईया कि जिन लोगों ने उपरोक्त काम नहीं किये हैं, आज से ही करने शुरु कर दो. फिट रहोगे…

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