Bamboo Architecture को पूरी दुनिया में पहुंचाने की कोशिश कर रहा है बाली का ये स्कूल

J P Gupta

बाली के ‘ग्रीन स्कूल’ ने हाल ही में अपना दसवां स्थापना दिवस सेलिब्रेट किया है. इस स्कूल की ख़ासियत है बांस. यहां पर बच्चों को अपनी क्रिएटिविटी का इस्तेमाल कर बांस से सुंदर और टिकाऊ भवनों का निर्माण करना सीखाया जाता है. बाली का ये स्कूल दुनिया भर में अपने उतकृष्ठ Bamboo Architecture के लिए जाना जाता है.

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दुनिया भर में मशहूर हो चुके इस स्कूल के बारे में लोगों को TED Talks के ज़रिये पता चला. इस स्कूल में पहली से लेकर बारहवीं तक बांस के बारे में ही पढ़ाया जाता है. इस स्कूल से अब तक 500 स्टूडेंट्स को शिक्षित किया जा चुका है. इसका कैंपस बाली के Ubud गांव कें जंगलों में हैं, जहां बांस से बनी एक से बढ़कर एक विशाल और सुंदर इमारतें देखने को मिलती हैं.

बहुउपयोगी है बांस 

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Tropical Latitudes में बांस हमेशा से ही बहुउपयोगी वस्तु रहा है. यहां पर बांस का इस्तेमाल घर बनाने, बगीचे की बाड़, छत आदि बनाने में किया जाता है. वैसे भी बांस इतना मज़बूत होता है कि वो रिएक्टर स्केल पर 8 तक की तीव्रता वाले भूकंप को सह सकता है.

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बांस में स्टील की तन्य शक्ति होती है और वो इसके मुक़ाबले काफ़ी हल्का भी होता है. इसलिए इसका इस्तेमाल कंस्ट्रक्शन की फ़ील्ड में किया जा सकता है. बांस की इन्हीं ख़ूबियों के चलते ही बांस को और मज़बूत बनाने के लिए कई तरह के एक्सपेरिमेंट्स हुए.

1990 में एक ऑस्ट्रेलियन डिज़ाइनर Linda Garland ने University of Hamburg के एक वैज्ञानिक के साथ मिलकर बांस को व्यवसायिक रूप से बिल्डिंग मटेरियल बनाने पर काम किया. वो इसमें कामयाब भी हुए थे.

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पुराने समय में भी बांस का इस्तेमाल भवन निर्माण होता था 

प्राचीन काल में चीन और जापान में बांस से बहुत सी इमारतें और पुल बनाए जाते थे. उनके 10वीं सदी के इतिहास में इसका ज़िक्र और चित्र मिलते हैं. इक्वाडोर में बांस से बना एक फ़्यूनरल कक्ष पाया गया था. जिसके बारे में पुरातत्वविदों का कहना है कि ये 7500 ईसा पूर्व में बना होगा.

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ग्रीन स्कूल के संस्थापक John और Cynthia Hardy ने भी बांस की ख़ासियतों को जानते हुए इस अनोखे स्कूल की स्थापना की थी. वो आज के इस मॉर्डन ज़माने में बांस को जीवित रखने के की कोशिश कर रहे हैं.

वर्ल्ड फ़ेमस हैं इनके द्वारा बनाए गए मैजिकल हाउस 

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उनके द्वारा बनाए गए मैजिकल हाउसेज़ लोगों के आकर्षण का केंद्र बन गए हैं. इनके स्कूल को बनाने में बच्चों और उनके माता-पिता ने भी अहम योगदान दिया है. उन्होंने कैंपस में इस्तेमाल होने वाले सभी सामान को बांस से ही बनाने में मदद की है.

John और Cynthia Hardy की बेटी Elora भी एक आर्किटेक्ट हैं, जो बांस से मज़बूत और अविस्मरणीय स्ट्रक्चर डिज़ाइन करने के लिए जानी जाती हैं. ग्रीन स्कूल की अधिकतर बिल्डिंग्स को इनकी टीम ने ही डिज़ाइन किया है.

जीत चुके हैं कई अवॉर्ड 

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इनकी टीम बाली और एशिया के कुछ शहरों में स्कूल, किचन, रेस्टोरेंट, होटल आदि का इंटीरियर बांस से कर चुकी है. इनके स्कूल ने नौजवान आर्किटेक्ट की नई पीढ़ी तैयार की है. ये बांस का संपूर्ण इस्तेमाल कर उससे भवन बनाने में माहिर हैं. इन्होंने राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय स्तर पर बांस से अपनी क्रिएटिविटी दिखाने के लिए कई अवॉर्ड भी जीते हैं

ग्रीन स्कूल बहुत जल्द ही न्यूज़ीलैंड में भी अपनी ब्रांच खोलने की योजना बना रहा है. बांस ही नहीं हमारी प्रकृति ने हमें बहुत कुछ ऐसा दिया है, जिसका इस्तेमाल हम ठीक तरह से करें, तो उसके बाद जो विकास होगा वो पर्यावरण और हमारे लिए भी उपयोगी हो. बांस से इको-फ़्रेंडली भवन बनाने वाले ग्रीन स्कूल ऐसी ही कोशिश में जुटा है. इनकी जितनी सरहाना की जाए कम है.

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