एक सराहनीय और अनुकरणीय कदम… एक पिता ने अपनी बेटी के मंडप पर ही करवाई 7 दलित लड़कियों की शादी

Sanchita Pathak

शादियों का मौसम है. सोशल मीडिया साइट्स, दोस्तों और रिश्तेदारों की शादियों की तस्वीरों से Overflooded हैं. और हिन्दुस्तानी शादियों में ताम-झाम की अति होती ही है, बुरा मत मानना पर सच है.

शादियों के सीज़न में गुजरात के एक पिता ने कुछ ऐसा किया जो बहुत कम लोग ही करते हैं. पाटन ज़िले से 7 किमी दूर बसे अजीमना गांव में अम्रुत देसाई ने अपनी बेटी की शादी की और इस ख़ुशी के मौके पर 7 अन्य वालमीकि समाज (दलित) की लड़कियों का भी विवाह करवाया.

इस अनोखे सामूहिक विवाह समारोह में 3000 लोगों ने शिरकत की. अम्रुत जी ने सारे नवविवाहित जोड़ों को नई ज़िन्दगी शुरू करने के लिए आशीर्वाद रूप में घर में काम आने वाले कुछ ज़रूरत के सामान भी दिए.

अम्रुत जी ने TOI को बताया,

दलित बेटियों का विवाह अपनी बेटी के साथ करके मैंने सदियों से चली आ रही जाति प्रथा को तोड़ने की कोशिश की है. दलितों के प्रति होते दुर्व्यवहार की सालों से चली आ रही रीत को हमने ख़त्म करने का प्रयास किया है. मैंने बेटियों और उनके ससुरालवालों से सहमति ली और गांववालों से अपनी मंशा साझा की. उन्होंने भी इस शुभ कार्य में मेरा साथ दिया.

अजीमना और आस-पास के गांववालों ने विवाह में सम्मिलित होकर सभी नवविवाहित जोड़ों को आशीर्वाद और शुभकामनाएं दीं.

सामाजिक बदलाव लाने की अम्रुत जी की ये कोशिश हम सब के लिए एक सीख है.

Source- TOI

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