गुलज़ार साब की कलम से निकली वो 16 नज़्में, जिनके अल्फ़ाज़ मन को सुकून और विचारों को ठहराव देते हैं

Maahi

गुलज़ार वो शायर, लेखक व गीतकार जिनकी कलम से निकला हर एक शब्द दिल की गहराईयों में उतर जाता है. वो एक शब्द में न जाने कितनी बातें कह जाते हैं. उनके शब्द अकसर मुर्दे में भी जान डाल देने वाले होते हैं. चाहे फ़िल्मों में उनके बेहतरीन गाने हों या दिल को छू जाने वाली ख़ूबसूरत कविताएं गुलज़ार साहब का जवाब नहीं. तुझसे नाराज़ नहीं ज़िंदगी, तेरे बिना ज़िन्दगी से कोई शिक़वा तो नहीं, आने वाला पल जाने वाला है, मुसाफ़िर हूं यारो जैसे मिठास भरे गाने हों या फिर चप्पा-चप्पा चरखा चले, बीड़ी जलाइले जिगर से पिया, नमक इश्क़ का और Dhan Te Dan जैसे तड़कते-भड़कते गाने गुलज़ार हर फ़न में माहिर हैं. 

चलिए आज आपको गुलज़ार साहब के कुछ ऐसे ही चुनिंदा गानों और कविताओं से रू-ब-रू कराते हैं-

तो दोस्तों उम्मीद करते हैं गुलज़ार साहब की ये रचनायें आपको ज़रूर अच्छी लगी होंगी, अगली बार आप किस दिग्गज़ राइटर की कवितायें पढ़ना चाहेंगे?

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