90’s के दशक को हम यादों का पिटारा भी कह सकते हैं. वो दौर आज भी अपनी कई ख़ूबसूरत यादों के लिए जाना जाता है. उस दौर की हर चीज़ आज भी हमारे दिल के किसी कोने में महफ़ूज़ है. जब भी हम 90’s के दौर को याद करते हैं आंखों की चमक बढ़ जाती है. आंखों के सामने पुराने दिन हवा बनकर दौड़ने लगते हैं.
आज हम 90’s के 10 बेस्ट माउथ फ़्रेशनर की याद दिलाकर आपको उस दौर में लेकर जाने की कोशिश करेंगे, जब हम खाना खाने के बाद इनका इस्तेमाल किया करते थे, ताकि मुंह की ताज़गी बनी रहे.
इसलिए पेश है 90’s के 10 बेस्ट माउथ फ़्रेशनर, जिनसे हमारे बचपन की कई ख़ूबसूरत यादें जुडी हुई हैं-
1- गुरु चेला
90’s के बच्चों के दिलों में आज भी ‘गुरु चेला’ की अपनी एक अलग ही जगह है. आज भी हम ‘गुरु चेला’ दिखते ही उस पर झपट पड़ते हैं.
2- चुटकी
90’s के दशक में ‘चुटकी’ का अपना ही स्वैग था. ‘चुटकी का मज़ा चुटकी में’ इस टैगलाइन के साथ ये माउथ फ़्रेशनर बेहद पॉपुलर हुआ था.
3- स्वीटी सुपारी
मीठी और लाल रंग की सुपारी का वो स्वाद आज भी मुंह में पानी ला देता है. ‘स्वीटी सुपारी’ खाने के बाद पानी पीने का अपना ही मज़ा था.
4- पास पास
90’s के आख़िरी दशक से लेकर अब तक ‘पास पास’ अपना जलवा बनाये हुए है. ये आज भी सभी का बेस्ट माउथ फ़्रेशनर बना हुआ है.
5- शहनाई
शहनाई को भला कौन नहीं जनता है. आज भी सिगरेट की गंध भगानी हो या शराब की शहनाई का स्वाद मुंह को तारो ताज़ा कर देता है.
6- मस्ताना
अगर आप भी ख़ुद को पक्का वाला भोपाली मानते हैं, तो दावे के साथ कह सकता हूं आपने भी ‘पान मस्ताना’ ज़रूर खाया होगा.
7- पान पसंद
90’s के दशक में पान पसंद टॉफ़ी का अपना स्वैग था. ये टॉफ़ी सेकेंड में मुंह का स्वाद बदल देती थी और बेस्ट माउथ फ़्रेशनर हुआ करती थी.
8- राजू सुपारी
90’s के दशक में केसर युक्त ‘राजू सुपारी’ कानपुर और उसके आस पास के इलाक़ों में बेहद पॉपुलर हुआ करती थी.
9- मेंटोस मिंट
मिंट की महक मिनट में मुंह का स्वाद बदल देता था. उसके ऊपर से पानी पीने का अपना ही मज़ा था, मुंह एकदम ठंडा हो जाता था.
10- आंटी सुपारी
केसर युक्त, हर दिल की चाहत… ‘आंटी सुपारी’ लखनऊ आए और ‘आंटी सुपारी’ नहीं खाई ऐसा कैसे हो सकता है.
अगर आपके दिमाग में भी कोई माउथ फ़्रेशनर याद आ रहा है तो हमें बताएं.