उसके कदम मौत की तरफ़ बढ़ रहे थे, मौत फिर भी उसे तड़पा रही थी. इस मरते भालू के ख़ूनी हम सभी हैं

Sanchita Pathak

आज मुझे शर्म आ रही है कि मैंने इंसानों की दुनिया में जन्म लिया है. आज हम उस मोड़ पर आकर खड़े हो गए हैं जब हममें से ही एक व्यक्ति एक मासूम की सरेआम बेरहमी से हत्या कर देता है. इसके बाद भी लोग उसे बिना पूरी बात जाने, या फिर अफ़वाहों के आधार पर ही उसे हीरो बना देते हैं. हम ये भी नहीं सोचते की भविष्य में हमारे भी किसी अपने का वैसा ख़ौफ़नाक अंत हो सकता है. ख़ैर ये भी लोगों की ही मर्ज़ी है, क्योंकि ज़माना तो Whatsapp Forward के आधार पर बनी Ideology का है.

ये सब अपने देश में हो ही रहा था कि इसी बीच हमारा सामना होता है एक वीडियो से. एक ऐसा वीडियो जिसमें एक मूक प्राणी ने बिना कुछ कहे ही बहुत कुछ कह दिया.

कैनेडा के आर्कटिक क्षेत्र में Paul Nicklen और उनकी Sea Legacy Team Baffin Island में वीडियो शूटिंग कर रही थी. इसी दौरान उन्हें एक पोलर बियर दिखा, जो अधमरी हालत में था, या यूं कहे कि अपने अंत के निकट पहुंच गया था. वीडियो में पोलर बियर बहुत कमज़ोर नज़र आ रहा है और उसे चलने में भी दिक्कत हो रही है. खाना ढूंढते-ढूंढते ये पोलर बियर कुछ ड्रम्स के पास पहुंचता है, जो शायद कुछ मछुआरों ने वहां छोड़ दिए थे. पोलर बियर इनमें भी खाने के लिए कुछ ढूंढता है, लेकिन उसे कुछ भी नहीं मिलता.

पोलर बियर की हालत देखकर यही लग रहा है कि उसके पास ज़िन्दगी के केवल कुछ घंटे बचे हैं.

Paul Nicken ने अपने इंस्टाग्राम पर लिखा कि उनकी पूरी टीम ये दृश्य रिकॉर्ड करते-करते भावुक हो गई थी.

इस दृश्य को फ़िल्माने वालों ने पोलर बियर की ऐसी हालत का ज़िम्मेदार क्लाइमेट चेंज को बताया. बढ़ते तापमान के साथ बर्फ़ भी पिघल रही है, जिस कारण ध्रुवीय भालुओं को खाने के लिए इंसानों के दायरे तक आना पड़ रहा है.

जैसा कि ऐसी परिस्थितियों में अकसर होता है वीडियो रिलीज़ होने के बाद कई लोगों ने Paul Nicklen से भी ये पूछा गया कि उन्होंने उस पोलर बियर की मदद क्यों नहीं की. इस प्रश्न पर Paul ने कहा कि ये ख़्याल उनके दिमाग़ में भी आया. अपनी सफ़ाई में Paul ने कहा था कि भालू के नज़दीक जाने पर वो उन पर हमला कर सकता था. वो भूखा था और खाने के लिए कुछ भी कर सकता था. उनके पास उसे कंट्रोल करने के लिए न तो Tranquilizer Gun थी और न ही उसका पेट भरने के लिए भोजन. कैनेडा में पोलर बियर को खिलाना ग़ैरक़ानूनी है.

अब आप कल्पना कीजिये सैंकड़ों पोलर बियर की हालत कुछ ऐसी हो रही हो, तब आप क्या करेंगे? वो दिन दूर नहीं जब लोगों की भी कुछ ऐसी हालत होगी. जब हमें ऐसी परिस्थितियों का परिणाम पता है, तो हम अपने लेवल पर ही बदलाव की शुरुआत क्यों नहीं कर सकते.

सिर्फ़ सोचिये मत, निजी तौर पर इसका हल ढूंढने की भी आवश्यकता है.

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