इन मुश्किल हालातों में ये 5 कोरोना फ़ाइटर्स कई किलोमीटर का रास्ता तय कर ड्यूटी पर पहुंचे हैं

J P Gupta

भारत में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज़ों की संख्या 10,363 तक पहुंच गई है. मेडिकल स्टाफ़ से लेकर पुलिस तक सभी संकट की इस घड़ी में अपनी ड्यूटी निभाते दिखाई दे रहे हैं. चलिए जानते हैं कुछ ऐसे ही कोरोना फ़ाइटर्स के बारे में जो अपनी परवाह किए बगैर इन मुश्किल हालातों में भी कई किलोमीटर का रास्ता तय कर अपना फ़र्ज़ अदा कर रहे हैं.

1. रोज़ाना 30 किलोमीटर का सफ़र तय करती है ये नर्स 

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दिल्ली के सबसे बड़े आइसोलेशन सेंटर लोक नायक अस्पताल में काम करती हैं नर्स बिमलेश. ये कोरोना के मरीज़ों की देखभाल करने के लिए रोज़ाना अपने घर(रोहिणी) से 30 किलोमीटर दूर इस अस्पताल में आती हैं.

2. ड्यूटी जॉइन करने के लिए तय किया 450 किलोमीटर का सफ़र 

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आनंद पांडे नाम के एक कॉन्स्टेबल ने अपनी ड्यूटी जॉइन करने के लिए कानपुर से जबलपुर तक का सफ़र तय किया. उन्होंने ट्रक, इमेरजेंसी वाहनों आदि से लिफ़्ट मांग कर ये यात्रा पूरी की.

3. 150 किलोमीटर का सफ़र कर कैंसर पीड़ित तक पहुंचाई दवा 

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केरल में एक चार साल बच्ची जो कैंसर से पीड़ित थी, उसकी दवाइयां ख़त्म हो गईं. तब विष्णु नाम के एक मेडिकल सार्जेंट ने 150 किलोमीटर का सफ़र बाइक से तय किया और वक़्त पर उस तक दवा पहुंचाई. 

4. कोरोना के सैंपल चैक करने के लिए तय किया 1500 किलोमीटर का सफ़र 

तेलंगाना के 29 साल के Microbiologist रामकृष्णा ने 1500 किलोमीटर दूर लखनऊ तक का सफ़र किया ताकि वो कोरोना के मरीज़ों के सैंपल चैक कर सकें. फ़िलहाल वो लखनऊ के किंग जॉर्ज़ मेडिकल यूनिवर्सिटी में बनी लैब में सैंपल्स की जांच कर रहे हैं.

5. 250 किलोमीटर का सफ़र तय कर कोरोना के मरीज़ों की मदद के लिए पहुंची नर्स 

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तमिलनाडु की एक नर्स जिनका नाम एस. विनोथिनी है, उन्होंने गर्भवती होने के बावजूद कोरोना के मरीज़ों की सेवा के लिए 250 किलोमीटर का सफ़र तय किया. इसके लिए उन्होंने अपने पति के साथ कार में तिरुचि से रामनाथपुरम पहुंची थीं.

इन सभी कोरोना फ़ाइटर्स को हमारा दिल से सलाम. 


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