एक दौर था जब लोग साइकिल से मीलों का सफ़र तय किया करते थे. जब कभी किसी के यहां साइकिल आती थी, उसे देखने वालों की भीड़ लग जाया करती थी. पर वक़्त बदला और साइकिल कि जगह दूसरे मोटर वाहनों ने ले ली. लेकिन अब भी साइकिल से चलने वालों की संख्या कम नहीं हैं. कुछ लोगों के लिए ये फ़िटनेस पाने का तो किसी के लिए ये रोज़ी-रोटी कमाने का ज़रिया है. ऐसे ही लोगों के लिए हम साइकिल की खोज से जुड़ा इतिहास लेकर आए हैं.
चलिए मिलकर दो पहियों पर सरपट दौड़ने वाली इस चीज़ के इतिहास के बारे में जान लेते हैं.
साइकिल का इतिहास 19वीं सदी के प्रारंभ से जुड़ा है. उस वक़्त केवल घोड़ा गाड़ी ही लोगों के आने जाने का प्रमुख साधन हुआ करती थी. जो लोग इसे अफ़ोर्ड नहीं कर सकते थे, वो मीलों पैदल चलकर ही यात्रा किया करते थे.
ऐसे ही लोगों की ज़रूरतों को ध्यान में रखते हुए जर्मनी के एक शख़्स Baron Karl Von Drais ने साइकिल जैसी दिखने वाली एक चीज़ की खोज की. इसे आप साइकिल का पहला रूप कह सकते हैं. लकड़ी से बनी इस साइकिल में दो पहिये थे और बीच में आदमी को बैठकर उसे पैर से धकेलना होता था. इसे Laufmaschine कहा जाता था.
Drais के इस डिज़ाइन पर इग्लैंड में कुछ बदलाव के साथ पेश किया गया, जिसे Dandy Horse कहा जाता था. ये साइकिल क़रीब 40 वर्षों तक लोग इस्तेमाल करते रहे.
फ़्रांस के दो भाइयों Pierre Michaux और Pierre Lallemen ने इसमें पेडल और आदमी के बैठने के लिए सीट जोड़कर नई साइकिल लोगों के सामने पेश की. 1864 में आई इस साइकिल को लोगों ने पसंद किया, दोनों भाइयों ने 4 साल तक पैसे इकट्ठे कर इसका उत्पादन बड़े स्तर पर करना शुरु किया.
इस बीच उन्होंने अपनी साइकिल में कुछ बदलाव किए थे और नई साइकिल का नाम रखा Boneshaker. 1869 में Eugene Meyer ने इसका एक नया मॉडल तैयार किया, जो हल्के फ़्रेम वाली और तेज़ गति से चलने वाली साइकिल थी. इसमें आगे की तरफ बड़े- बड़े पहिये लगे होते थे.
लेकिन इन्हें अधिक चढ़ाई और ढलान वाले रास्तों पर चलाने में दिक्कत होती थी. इसके कुछ वर्षों बाद John Kemp Starley ने Safety Bicycle नाम की पहली साइकिल पेश की. उनकी इस साइकिल में पैडल पिछले टायर से जुड़े थे और उसके हैंडल को ज़रूरत के हिसाब से मोड़ा जा सकता था.
इसका नाम रोवर था, जो 20वीं सदी की शुरुआत में लोगों को ख़ूब पसंद आई. 1900 से 1950 के दशक को साइकिल का गोल्डन ऐरा कहा जाता था, क्योंकि तब तक ये लोगों के आने-जाने का प्रमुख साधन बन गई थी.
60-70 के दशक में साइकिलिंग के ज़रिये ख़ुद को फ़िट रखने का क्रेज़ शुरू हुआ. इस तरह Racing Bikes, Mountain Bikes और BMX लोगों की पहली पसंद बन गई. आजकल तो कंप्यूटर से चलने वाली साइकिलें भी मार्केट में आ गई हैं. अब तो एल्युमिनियम, बांस और कार्बन फ़ाइबर के फ़्रेम वाली साइकिलें भी मार्केट में उपलब्ध हैं.
साइकिल के इतिहास से जुड़ी ये बातें जानते थे आप?
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