फागुन के आते ही हवाओं में फूलों की ख़ुशबू कुछ ऐसे फै़ल जाती है, जैसे वो भी इसी का इंतज़ार कर रही हों. पेड़ों में आती कोंपलें, पौधों में उगते फूल इस बात का सबूत है कि होली का त्यौहार आपके दरवाजे़ पर दस्तक दे चुका है. ये वही त्यौहार है, जो सारे गिले-शिकवों को दूर कर मिलने का एक बहाना देता है. हिंदुस्तान में होली सिर्फ़ एक त्यौहार नहीं, बल्कि एक एहसास है, जो रंग में घुलने के साथ ही दिल-ओ-दिमाग़ पर चढ़ता जाता है. आज हम आपके लिए इसी एहसास को तस्वीरों के ज़रिये समेटने की कोशिश कर रहे हैं.
बरसाने की होली.
होली के रंग में मस्ती का लुत्फ़ उठाते सैलानी.
रंगयुद्ध शायद इसे ही कहते हैं.
रंग दे मुझे तू गेरुआ.
इस लट्ठमार होली का कोई जवाब नहीं.
सब ख़ुश, तो हम भी ख़ुश.
आज सब रंग देंगे.
होली में हठखेली.
भांग के नशा जब सिर पर चढ़ जाए.
धीरे-धीरे जब रंग चढ़ने लगे.
इस मस्ती में सब मस्त हैं.
रंगों भरी मुस्कान.
आज सब एक हैं.
रंग बरसे भीगे चुनर वाली…
होली में अपने कन्हैया को याद करती वृंदावन के विधवा आश्रम की महिलायें.
मस्त मलंग.
खेरन दे मोहे होली.
हवा में उड़ते गुलाल.
इस मस्ती का कोई जवाब नहीं.
दोस्तों वाली होली.
सेल्फ़ी विद होली.
इसी मुस्कान के लिए सब एक जगह हैं.
रंगों की सरदारी.
मलंगों का झुंड.
मैं घर नहीं जाना.
आज सब लाल होगा.
भाई… भाई… भाई…
होली के रंग ऐसे भी.
दो फूंक, पर एक सांस.
बिन पिचकारी सब सून.
जब रंग ही रंग भर जाए.
होली से पहले की रात.
दोस्तों संग होली वाली सेल्फ़ी.
टशन में.
होली की इस मार में भी प्यार है.
आज आंसू के लिए कोई जगह नहीं है.
ब्रज में फूलों वाली होली.
जब दोस्त ही दुनिया बन जाए.
होली लीग में आपका स्वागत है.
होली, रंग और मोहब्बत.
जब विदेशी भी देसी रंग में रंग जायें.
रंगों की बारिश.
घर वाली होली.
होली के साथ बालों की हिफ़ाज़त.
आओ अब खेलें होली.
कॉलेज में दोस्तों के संग मुस्कान वाली होली.
अगर आपके पास भी होली की कुछ ऐसी ही याद हो, तो शेयर करना न भूलें. क्या पता कल उन यादों को हम अपने घर में जगह दे दें.