अभी हाल ही में मॉरिशस के पास एक जहाज से तेल रिसने की वजह से वहां राष्ट्रीय आपातकाल लगा दिया गया. इस जहाज़ से अबतक हज़ारों टन कच्चा तेल लीक हो चुका है, जिससे पास के लैगून का पानी काला और भूरा हो गया है. इस तेल को साफ़ करने के लिए बड़ा अभियान चलाया जा रहा है, जिसमें स्थानीय लोग भी मदद कर रहे हैं.
यहां एक सवाल कौंधता है कि समुद्र में फैले तेल को आख़िर साफ़ कैसे किया जाता है.
तेल के रिसाव से समुद्री जीवों और पौधों को बहुत नुक़सान झेलना पड़ता है. जीवों की हज़ारों प्रजातियों की मौत हो जाती है. मगर पानी में फैले तेल को साफ़ करना आसान नहीं होता है. साफ़-सफ़ाई का कोई तरीका प्रयोग करने से पहले ये देखा जाता है कि कौन सा तेल रिस रहा है, कितनी मात्रा में उसका रिसाव हो रहा है, मौसम कैसा है और उस जगह की ज्योग्राफ़ी कैसी है.
1. स्कूपिंग तकनीक
इस तकनीक में तेल को फैलने से रोकने के लिए पानी में तैरने वाले बैरियर का इस्तेमाल किया जाता है. इन बैरियरों को बूम कहा जाता है. इनके जरिए तेल को एक निर्धारित दायरे में रोका जाता है और फिर स्किमर मशीनों के जरिए पानी से अलग कर नावों में भरा जाता है.
2. तेल में आग लगाना
इस तरीके में सतह पर फैले तेल में आग लगा दी जाती है. इस विधि से 98% तक तेल रिसाव दूर किया जा सकता है. यही कारण है कि अन्य तरीकों के बजाय इसका ज़्यादा इस्तेमाल होता है. मगर ये तरीका कम ख़तरनाक नहीं है. कच्चे तेल के जलने से बहुत ज़्यादा ज़हरीली गैसें निकलती हैं. इससे समुद्री इकोसिस्टम को बहुत ही नुकसान होने की संभावना होती है.
3. तेल को सोखना
इसमें ऐसे चीज़ों का प्रयोग किया जाता है जो तेल सोख सकते हैं. ये पर्यावरण के हिसाब से सबसे अच्छा तरीका है. ज़मीन पर तेल रिसाव से निपटने में ये तरीका काफ़ी असरदार है. लेकिन इसके लिए तेल की मात्रा कम होनी चाहिए.
4. जैविक उपचार
सूक्ष्म जीव लंबे समय में कच्चे तेल को नष्ट कर सकते है. तेल रिसाव से निपटने के लिए उन क्षेत्रों में कई प्रकार के सूक्ष्म जीव छोड़े जाते हैं या कुछ ऐसे केमिकल का छिड़काव कर दिया जाता है जिससे कि ये प्रक्रिया तेज हो जाये.
इसमें कोई शक नहीं कि तेल रिसाव से निपटने का कोई भी तरीका 100% ठीक नहीं है. इसीलिए ज़रूरी है कि शिपिंग इंडस्ट्री जहाज़ों की सुरक्षा को लेकर और क़दम उठाये.