वो हिन्दुस्तान ही है, जहां बेटे की शहादत पर मां छाती ठोक कर कहती है, ‘दूसरे को भी सेना में भेजूंगी’

Bikram Singh

इस आर्टिकल को लिखने से पहले मैं ऐसे विषय पर कई आर्टिकल्स लिख चुका हूं. मगर इस बार मैं लिखने से डर रहा हूं, संकोच कर रहा हूं, क्योंकि मुझे लगता है कि इस बार कुछ अलग लिखना चाहिए. किसी ने सच ही कहा है कि “विश्व का कोई भी सैनिक युद्ध नहीं चाहता है.” चूंकि हम भारतवर्ष हैं, हमारा अपना इतिहास, अपनी पहचान और हमारी संस्कृति है. 10 हजार वर्षों में हमने कभी किसी पर प्रहार नहीं किया. हम युद्ध नहीं, बुद्ध के देश हैं. मगर पड़ोसी देशों की करतूतों के कारण हमने कई युद्धों का दंश झेला है. इन युद्धों में जब देश का सिपाही सीमा पर शहीद होता है, तो हम उनकी शहादत को सलाम करते हैं. देश के तमाम मीडिया संस्थान उनकी बहादुरी की गाथाएं लिख कर उन्हें श्रद्धांजली देते हैं. सरकार और प्रशासन मुआवज़ा देकर अपना काम निपटा देते हैं. मगर, इन सब तामझाम के बावजूद ये कोई नहीं पूछता कि शहीद हुए जवानों के परिवार का रखवाला कौन होगा?

बचपन में पिताजी सिखाया करते थे ‘ जो भी प्रतिशोध लेना है, तुरंत लो, बाद में केवल समझौता होता है.’ हां, एक बात ध्यान रहे कि मैं युद्ध की कल्पना नहीं कर रहा, क्योंकि ना मैं उन्मादी हूं और ना ही उत्तेजित. मेरा मानना है कि शांति से सभी समस्याओं का हल किया जा सकता है. ख़ैर, मैं बात कर रहा हूं उन परिवारों का, जिनकी अमानत देश की सेवा में खप गई. देश के लिए वह चौकीदार किसी के घर की रीढ़ और दाना-पानी होता है. यह बात कोई भी भारतीय समझ जाएगा.
मैं शुक्रगुज़ार हूं देश की सीमा पर रखवाली करते हुए जवानों का, मेट्रो में सुरक्षाकर्मियों का, सड़कों के बीच गाड़ियों को जाम से बचाती ट्रैफिक पुलिस का और महाकुंभ में हमारी सेवा के लिए अपने परिवारों से दूर रहने वाले पुलिस कर्मचारियों का. उससे कहीं ज़्यादा शुक्रगुज़ार हूं उनके परिवारों की, जिन्होंने अपनी संतानों को देश की सेवा के लिए समर्पित कर दिया. एक फौजी के जितना ही उसका परिवार मज़बूत होता है और इस बात को मैं कुछ उदाहरणों के साथ समझाना चाहूंगा.

उड़ी के आतंकी हमले में शहीद हुए गया के सुनील कुमार विद्यार्थी की शहादत की ख़बर उनके घर पहुंच चुकी थी. इसी बीच शहीद की तीनों बेटियां आरती, अंशु और अंशिका इस गम के माहौल में भी अपना एग्जाम देने पहुंची. यह देख स्कूल के सभी टीचर और प्रिंसिपल हैरान थे.

b’Source: Prabhat Khabar’
पूरी दुनिया के लिए राजस्थान के निम्ब सिंह रावत एक फौजी थे, जो उड़ी हमले में देश के लिए शहीद हो चुके हैं, लेकिन उस पांच साल के बच्चे के लिए तो सिर्फ़ पापा थे. पांच साल के चंदन को सिर्फ इतना पता है कि उसके पापा को मारने वाले आतंकवादी थे, जिनसे अब वह बदला लेना चाहता है.

जम्मू-कश्मीर के त्राल में आतंकवादियों से मुठभेड़ के दौरान शहीद हुए कर्नल एमएन राय को जब अंतिम विदाई दी जा रही थी, तब राय की पत्नी और बेटी बिलख पड़ीं. यह करुण दृश्य देखकर हर किसी आंखें नम हो गईं.

b’Source: HT’

40 साल के शहीद बेटे मदन लाल शर्मा को 80 साल की मां ने दिया कंधा, सबने किया हौसले को सलाम.

अपने 40 साल के बेटे को कंधा देने पर मदन लाल शर्मा की मां धरमो देवी ने कहा कि वो अपने बेटे का बोझ उठा सकती है.

b’Source: Indian Army’

अंतिम संस्कार के वक्त शहीद पिता मदन लाल शर्मा के ढाई वर्षीय बेटे कन्नव और पांच साल की बेटी श्वेता ने भी सलामी दी.

b’Source: ANI’

शहीद हनुमनथप्पा की शहादत पर जहां पूरा देश गमगीन था, वहीं शहीद की पत्नी ने कहा, ‘बेटी को भी सेना में भेजूंगी.’ ऐसे हौसले को पूरा देश सलाम करता है.

b’Source: Dainik Jagran’

ये तो चंद शहीदों के उदाहरण थे, लेकिन एक बात तो तय है कि जवानों के परिवार वाले फ़ौलाद का सीना लेकर पैदा होते हैं, जो अपने कलेजे के टुकड़े को पूरे देश की हिफ़ाजत के लिए सौंप देता है. हां, ये बात अलग है कि हमारी सरकार इन्हें हाशिये पर छोड़ देती है. आए दिन कुव्यवस्था के शिकार इन परिवारों की ख़बरें पढ़ने और सुनने को मिलती हैं. इनके लिए कुछ भी न कर पाने की, असहाय होने की पीड़ादायी छटपटाहट मुझे खा रही है, मैं परेशान हो रहा हूं और हताश भी. किन्तु मेरा क्रोध भी कृत्रिम है.

आपको ये भी पसंद आएगा
IPL फ़ाइनल के बाद लाइमलाइट में आईं रिवाबा जडेजा, सोशल मीडिया पर बनी चर्चा का केंद्र
कमला की मौत: 34 साल पहले आई वो फ़िल्म जिसने अपने समय से आगे बढ़कर उन मुद्दों पर बात की जो अनकहे थे
Mother’s Day पर कुछ एहसास, कुछ अनकही बातें और अनुभव एक मां की तरफ़ से सभी लोगों के लिए
Mothers Day 2023 : वो 10 चीज़ें, जिनके लिए मांओं को दुनिया से माफ़ी मांगने की कोई ज़रूरत नहीं है
बहन के पीरियड्स आने पर भाई ने कर दी हत्या, हैवानियत की इस कहानी में क्या समाज है ज़िम्मेदार?
आख़िर क्यों इस ट्विटर यूज़र की बहन की हाइट के बारे में उसके पिता ने बोला झूठ? हैरान कर देगी वजह