रोज़मर्रा की ज़िन्दगी में हमें कहीं न कहीं, कुछ न कुछ जुगाड़ देखने को मिल ही जाते हैं. मौका मिलने पर खुद हम भी जुगाड़ बनाने से नहीं चूकते. कुल मिला कर ये कहना गलत नहीं होगा कि हमारी ज़िन्दगी भी जुगाड़ भरोसे ही चल रही है, पर आज हम आपको जिन जुगाड़ुओं की तस्वीरें दिखा रहे हैं, उन्हें देख कर आप भी कहेंगे ‘हे परमपिता परमेश्वर आप कहां थे’.
ये बच्चे भी न!
धूम मचाले…धूम मचाले…धूम…
ठंडा-ठंडा, कूल-कूल.
मां इतनी ममता मत दिखाओ, लोग हंसते हैं.
जुगाड़ू ऑफ़ द ईयर
भाई कसम से, कहां से आये हो?
आज आने दो इन मच्छरों को.
ऐ लाला चालान काहे काटे हो, हेलमेट पहिने थे न?
लौंडा बड़ा होके इंजीनियर बनेगा.
और देखो नीली फ़िल्में.
बस इसकी कमी रह गई थी.
ई इंडिया है बाबू, इंहा अपना सुरक्षा अपने हाथ होता है.