जिसके लिए डॉक्टर्स ने कहा था कि कभी देख, सुन और बोल नहीं पाएगी, आज वो बनी लोगों के लिए प्रेरणा

Ishi Kanodiya

कुछ लोगों का जीवन जाने-अंजाने में दूसरों के लिए एक उम्मीद और प्रेरणा का ज़रिया बन जाता है. 

Humans Of Bombay द्वारा शेयर की गई मानश्री सोमन की भी कहानी कुछ ऐसी ही है.   

जब मैं पैदा हुई थी तो डॉक्टर ने मेरे माता-पिता को बोल दिया था कि कोई संभावना नहीं है कि मैं कभी चल और बोल सकूंगी. मैं देख भी नहीं सकती थी. मगर उन्हें क्या पता था कि मैं एक दम बातूनी निकलूंगी.   

स्कूल में एडमिशन लेने की बात पर वो बताती हैं, 

जब मैंने पहली बार स्कूल में दाखिला लिया तो उन्होंने ये सोच कर मना कर दिया कि मैं पूरे स्कूल में मज़ाक का विषय बनी रहूंगी. मेरे साथ रह कर बाकि ‘साधारण’ बच्चे भी बिगड़ जाएंगें. मगर वो ग़लत थे. मैं एक दम नॉर्मल थी. मैंने दूसरे स्कूल में दाखिला लिया और वहां अच्छे से पढ़ाई की. 

पूरे स्कूल के दौरान, सोमन ने इस बात पर ख़ास ध्यान दिया कि वो, वो सब कुछ करें जो हर बच्चा अमूमन करता है. उसने फैंसी ड्रेस से लेकर सिंगिंग और डांसिंग तक सभी तरह की प्रतियोगिताओं में भाग लिया और कई अवॉर्ड्स भी जीते. सोमन के शिक्षकों और दोस्तों ने भी हर समय उसका साथ दिया है.   

सोमन को सातवीं कक्षा में राष्ट्रपति भवन में डॉ.अब्दुल कलाम द्वारा बाल श्री प्रेसिडेंट अवॉर्ड भी मिला है. उन्होंने उस समय उनके लिए गाना भी गाया था. 

सोमन बताती है कि उसका परिवार बेहद सपोर्टिव रहा है. स्कूल से लेकर कॉलेज और नौकरी तक भी सभी ने उनका पूरा साथ दिया है. 

सोमन पिछले दो सालों से एक क्लर्क के रूप में एक बैंक में कार्यरत हैं. उन्होंने अपने जीवन संघर्ष पर एक किताब भी लिखी है. 

जहां डॉक्टर ने सोमन के पैदा होते ही उनकी तक़दीर बता दी थी, वहीं दूसरी ओर सोमन ने जीवन में आई तमाम मुश्किलों के बाद भी उम्मीद नहीं छोड़ी और डट कर हर मुसीबत का सामना किया. 

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