लोगों ने स्पीती वैली में प्लास्टिक का कूड़ा फ़ैलाया, इन्होंने उससे ख़ूबसूरत Art Installations बना लिए

Akanksha Tiwari

झीलों और हिमखंडों से घिरी लाहौल-स्पीति की घाटियां अपने जादुई सौंदर्य और प्राकृतिक विविधताओं के लिए जानी जाती हैं, साथ ही इसे हिमालय का दिल भी कहा जाता है, जो भी शख़्स यहां आता है बस इसकी ख़ूबसूरती का दीवाना हो जाता है.

लाहौल-स्पीति की सुंदरता के बारे में तो आप सुनते ही रहते हैं, पर आज हम आपको इस जगह की एक और ख़ास बात बताना चाहते हैं. दरअसल, Neelima Vallangi नामक एक लेखक ने लाहौल-स्पीति की ख़ूबसूरत तस्वीर पोस्ट की.

इस तस्वीर में आपको ये लेखक तो नज़र आ रही है, पर क्या आपने लेखक के आस-पास मौजूद इस बेहतरीन Art Installation पर ग़ौर किया. आप में से कई लोग ये सोच सकते हैं कि इसमें क्या ख़ास है या कौन सी नई बात है? अगर आप भी ऐसा कुछ सोच रहे हैं, तो बता दें कि ये Installation कोई आम Installation नहीं है, बल्कि ये इसे बनाने के लिए 30 हज़ार प्लास्टिक बोतलों का इस्तेमाल किया गया है. वही प्लास्टिक की बोतलें, जिन्हें हम और आप यूज़ कर कचरे में फ़ेंक देते हैं.

इस कार्य को ट्रैवलर्स और एक्टिविस्ट ग्रुप्स कर अंजाम दिया है. इनका मानना है कि प्लास्टिक का इस्तेमाल हमारे लिए काफ़ी हानिकारक है और ऐसा करने से हमारी आने वाली पीढ़ी पर भी कोई बुरा असर नहीं पड़ेगा. हमने इस नदी के किनारे को एक डंपिंग ग्राउंड में बदल दिया.

वहीं सोशल मीडिया पर स्पीति द्वारा उठाए गए इस कदम की काफ़ी प्रशंसा हो रही है. कई लोगों ने ट्वीट कर इस Art Installation की जमकर तारीफ़ भी की.

वाकई ये कदम काफ़ी सराहनीय है और शायद हम सभी को इनसे प्रेरणा लेने की ज़रूरत है.

वहीं अगर आपको प्राकृति से प्यार है और शांति पूर्ण वातावरण पंसद है, तो आपके लिए लाहौल-स्पीति से अच्छी जगह और कोई नहीं हो सकती.

आपको ये भी पसंद आएगा
बेवफ़ा समोसे वाला: प्यार में धोखा मिला तो खोल ली दुकान, धोखा खाये लवर्स को देता है डिस्काउंट
जानिये दिल्ली, नई दिल्ली और दिल्ली-NCR में क्या अंतर है, अधिकतर लोगों को ये नहीं मालूम होगा
जानिए भारत की ये 8 प्रमुख ख़ुफ़िया और सुरक्षा जांच एजेंसियां क्या काम और कैसे काम करती हैं
मिलिए गनौरी पासवान से, जिन्होंने छेनी व हथोड़े से 1500 फ़ीट ऊंचे पहाड़ को काटकर बना दीं 400 सीढ़ियां
ये IPS ऑफ़िसर बेड़िया जनजाति का शोषण देख ना पाए, देखिए अब कैसे संवार रहे हैं उन लोगों का जीवन
अजय बंगा से लेकर इंदिरा नूई तक, CEO भाई बहनों की वो जोड़ी जो IIM और IIT से पास-आउट हैं