YouTube पर ‘जन गण मन’ के इस वीडियो को सबसे ज़्यादा बार देखा गया है, और देखने की वजह ख़ूबसूरत है

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किसी भी देश के लिए राष्ट्रगान ही उसकी असली पहचान है. हर भारतीय के दिल में जितना सम्मान अपने तिरंगे के लिए है, उतना ही राष्ट्रगान के लिए भी है. आज से 71 साल पहले देश को अंग्रेज़ों की गुलामी से आजादी मिली थी और 15 अगस्त 1947 को पहली बार हमने आज़ाद भारत में अपना राष्ट्रगान, ‘जन गण मन…’ गाया था. हमारा राष्ट्रगान हमें परम्परा, सभ्यता, जाति धर्म और अनेकता में एकता की सीख देता है.

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हम चाहे कहीं भी हों ‘जन गण मन’ सुनते ही हमारे अंदर की देशभक्ति जाग उठती है. इसके सम्मान में हम खुद-ब-ख़ुद खड़े हो जाते हैं क्योंकि इस सम्मान के पीछे उन हज़ारों शहीदों का बलिदान जो छुपा होता है.

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इन दिनों Youtube पर ‘जन गण मन’ की एक ख़ूबसूरत धुन ने तहलका मचाया हुआ है. ‘जन गण मन’ को पियानो पर शायद ही आजतक किसी ने इतने अच्छे तरीके से बजाया हो. इस वीडियो को अब तक करीब 4 करोड़ 30 लाख लोग देख चुके हैं. इससे पहले Youtube ‘जन गण मन’ के किसी भी वीडियो को इतने ज़्यादा लोगों ने नहीं देखा था.

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अब आप भी सोच रहे होंगे कि आख़िर कैसा है ये वीडियो और किसने बनाया है. तो बता दें कि इस Instrumental Version को मुंबई के रहने वाले गीतकार और Pianist श्यान इटालिया ने तैयार किया है. श्यान ने राष्ट्रगान को पियानो की धुन पर सॉन्ग रिकॉर्डर Anthony Gomes के साथ तैयार किया है.

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श्यान ने ‘जन गण मन’ को पियानो पर इतने ख़ूबसूरत तरीके से बजाया है कि देशभक्ति ख़ुद-ब-खुद जाग उठती है.

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श्यान ने कुछ साल पहले अपनी मां को कैंसर के कारण खो दिया था.

‘मैंने अपने इस वीडियो को अपनी मां और भारत मां को समर्पित किया है. मेरी मां बहुत हंसमुख इंसान थी, जब वो कैंसर से जूझ रही थी, उस वक़्त उन्होंने मुझे एक पियानो गिफ़्ट किया था. क्योंकि वो जानती थीं कि मुझे म्यूज़िक से बेहद प्यार है. इस वीडियो को बनाने के पीछे एक और प्रेरणास्रोत हैं मेरे अंकल, जो इस समय इंडियन आर्मी में हैं.’

Outlook India ने जब श्यान से पूछा कि राष्ट्रगान ही क्यों कोई और गाना क्यों नहीं? तो उनका जवाब कुछ इस प्रकार था,

‘इस समय देश में बहुत सी चीज़ें ठीक नहीं चल रही हैं, इसीलिए देश को एकजुट करने के लिए ये मेरी एक छोटी सी कोशिश है. वैसे भी एक हफ़्ते बाद हम अपनी आज़ादी के 72वें साल की ख़ुशी मनाएंगे. मेरे लिए इससे अच्छा मौक़ा और क्या हो सकता था.’
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