बच्चों के उजड़े बचपन को एक छत देकर संवारने वाले कैलाश सत्यार्थी को आज पूरी दुनिया जानती है. उनकी मेहनत और समाज के प्रति समर्पण से देश के कई बच्चों की ज़िंदगियां संवर चुकी हैं. कैलाश सत्यार्थी का आज जन्मदिन है, इस अवसर पर उनसे जुड़ी कई बातों को जानते हैं. कैलाश सत्यार्थी का जन्म मध्य प्रदेश के विदिशा में 11 जनवरी 1954 को हुआ था. इनकी पहचान एक वैश्विक नेता के रूप में होती है. अभी हाल ही में पाकिस्तान के मलाला यूसूफजई के साथ इन्हें नोबल शांति पुरस्कार दिया गया है. कैलाश सत्यार्थी देश में ‘बचपन बचाओ आंदोलन’ चला रहे हैं. एक वाक्य में कहा जाए, ‘ये बच्चों का बचपन संवारते हैं.’
यूं तो कैलाश पेशे से इंजीनियर थे. हालांकि, 26 साल की उम्र में इन्होंने अपनी नौकरी छोड़ दी और बच्चों के लिए काम करना शुरु कर दिया. बच्चों की ख़ुशी को अपनी ज़िंदगी मानकर जीने लगे.
International Fighter हैं कैलाश सत्यार्थी
83000 से अधिक बच्चों को मुक्त कराया सत्यार्थी विश्व भर के 144 देशों के 83000 से अधिक बच्चों के अधिकारों की रक्षा के लिए कार्य कर चुके हैं.
कैलाश सत्यार्थी सत्य के मार्ग पर चलने वाले शख़्स हैं. उनका मानना है कि देश के उत्थान के लिए सभी व्यक्तियों में सामाजिक और राजनीतिक सक्रियता होनी चाहिए. ध्यान रहे कि कैलाश सत्यार्थी जेपी आंदोलन में भी मुख्य भूमिका निभा चुके हैं, हालांकि, कम उम्र होने के कारण उन्हें छोड़ दिया गया.
इस कारण उनके ऊपर कई हमले भी हुए, मगर वे कभी रुके नहीं. आगे बढ़ते गए और अब भी बढ़ रहे हैं. आज कैलाश सत्यार्थी अनाथ और कमजोर बच्चों के पिता हैं, उनके मसीहा हैं. वर्तमान में वे ‘ग्लोबल मार्च अगेंस्ट चाइल्ड लेबर’ (बाल श्रम के ख़िलाफ़ वैश्विक अभियान) के अध्यक्ष भी हैं.
इस दुनिया में पिता की भूमिका हर कोई निभा नहीं सकता, मगर कैलाश निभा रहे हैं. असल राष्ट्रपिता तो वे ही है. हम अपनी टीम की ओर से उन्हें जन्मदिन पर हार्दिक बधाई दे रहे हैं. साथ ही साथ उनकी दीर्घायु और स्वस्थ जीवन की कामना करते हैं.