केरल के एक चर्च ने नमाज़ियों के लिए चर्च के दरवाज़े खोलकर, पेश की है धार्मिक सौहार्द की मिसाल

Maahi

केरल के कोठमंगलम में एक चर्च ने सड़क पर नमाज़ पढ़ रहे सैकड़ों मुस्लिमों के लिए दरवाज़े खोलकर धार्मिक सौहार्द की मिसाल कायम की. 

दरअसल, बीते शनिवार को एर्नाकुलम ज़िले के कोठमंगलम में All India Professional Congress द्वारा CAA के विरोध में एक रैली निकाली गई. इस रैली में मौजूद सैकड़ों मुस्लिमों को जब मग़रिब (शाम की नमाज़) पढ़ने के लिए जगह नहीं मिली तो कोठमंगलम के ‘सेंट थॉमस चर्च’ ने इन नमाज़ियों का दिल खोलकर स्वागत किया. चर्च की इस नेक दिली के चलते सैकड़ों लोग एक साथ नमाज़ पढ़ पाए. 

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मुवत्तुपुझाह से कोठमंगलम तक निकाली गयी इस रैली में कांग्रेस समेत सीपीआईएम व आईयूएमएल के कई नेता भी मौजूद रहे. जब ये रैली कोठमंगलम पहुंची तो शाम की नमाज़ का वक़्त हो रहा था. ऐसे में सड़क पर ही नमाज़ पढ़ने को मजबूर कार्यकर्ताओं को चर्च ने अपने यहां नमाज़ पढ़ने की सहूलियत दी. 

इस दौरान सबसे ख़ास बात ये रही कि चर्च के पादरी ने ख़ुद आईयूएमएल नेता सैय्यद मुनव्वर अली को वज़ू (नमाज़ से पहले हाथ-पैर धोने की रस्म) के लिए पानी की पेशकश की. 

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आईयूएमएल नेता सैय्यद मुनव्वर अली ने अपने फ़ेसबुक पर इसका ज़िक्र करते हुए लिखा चर्च के पादरी द्वारा हम लोगों का इस तरह से स्वागत करना वहां आए ईसाई भक्तों को भी बेहद अच्छा लगा. 

इस दौरान मुनव्वर अली ने चर्च में एक साथ नमाज़ पढ़ रहे लोगों का एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा- 

हमारे देश के लाखों लोग इसी तस्वीर को तो देखना चाहते हैं. दोस्तों इस देश को नष्ट होने से बचाना है तो प्यार को अपना हथियार और अपनी एकजुटता को अपनी ढाल बनाएं. 

पिछले ही हफ़्ते केरल के कोज़ेनचेरी के मार्थोमा चर्च में ईसाई समुदाय के युवाओं ने हिजाब और टोपी पहने मैप्पिलप्पट्टू (पारंपरिक मुस्लिम लोक गीत) की धुन में क्रिसमस कैरोल गीत गाकर मुस्लिम समुदाय के प्रति एकजुटता की मिसाल पेश की थी. 

देशभर में जहां एक ओर लोग धर्म और जाति के नाम पर लड़ रहे हैं. वहीं इसके इतर केरल में इस तरह की पहल भी देखने को मिल रही है.  

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