सामने आया रामायण का अलग रंग, इंडोनेशियाई रामलीला में हनुमान के साथ लक्ष्मण भी करते हैं लंका दहन

Akanksha Tiwari

साल भर बच्चों से लेकर बढ़ों तक, सभी को रामलीला देखने का इंतज़ार रहता है. हर साल हमें हुनमान का लंका जलाना और फिर भगवान राम द्वारा रावण का वध देखना अच्छा लगता है, पर इस बार उत्तरप्रदेश के लखनऊ में एक अनोखी रामलीला का आयोजन हुआ. अनोखी रामलीला इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि रामलीला में लंका दहन सिर्फ़ पवन पुत्र हनुमान ने नहीं किया, बल्कि उनके इस कार्य में प्रभु राम के छोटे भाई लक्ष्मण ने भी उनका साथ दिया.

ये ख़बर सुनकर थोड़ा सा हैरान तो हुए होंगे आप! रामलीला में अभिनय करने वाले आर्टिस्ट भी इंडोनेशिया से आए थे. दरअसल, इंडोनेशिया की चर्चित ‘हनुमान दूत’ मंडली दुनिया भर रामालीला परफ़ॉर्म करती है. अनोख़ी रामलीला के बारे में बात करते हुए मंडली के मेंबर मोहम्मद जकशन कहते हैं, ‘रामलीला में हमारे कलाकारों ने जो ड्रेस पहनी हुई है, वो इंडिया की ड्रेस से काफ़ी अलग है. इनमें से कुछ आर्टिस्ट तो ऐसे हैं, जो 50 साल से भी ऊपर है, साथ ये सब रामलीला अभी से नहीं, बल्कि बचपन से कर रहे हैं.’

रामायण पर बात करते हुए जकशन ने बताया, हमारे यहां रामायण को काकविन यानि महाकाव्य के नाम से जाना जाता है. काकविन में बताया गया है कि सीता हरण के वक़्त रावण से हुए युद्ध में जटायू के साथ-साथ लक्ष्मण भी लड़े थे और लड़ते-लड़ते वो मूर्छित हो गए थे. दूसरी सबसे बड़ी बात ये है कि लंका दहन में हनुमान के साथ लक्ष्मण भी शामिल थे. इतना ही नहीं राम से ज़्यादा युद्ध रावण से हनुमान ने किया था, पर क्योंकि रावण की मृत्यु राम के हाथों होनी थी, इसीलिए अंतिम युद्द उन्हीं से हुआ.

बीते शुक्रवार को डॉ. राममनोहर लोहिया अवध यूनिवर्सिटी ऑडिटोरियम में मंडली रामलीला परफ़ॉर्म की, 55 मिनट तक चली इस रामलीला ने हॉल में मौजूद सभी लोगों का मन मोह लिया. वहीं परी डांस तो आकर्षण का केंद्र रहा.

इंडोनेशियाई आर्टिस्ट्स ने बताया, ‘ये हमारा अब तक का बेस्ट परफ़ॉर्म था, हमने इंडिया के दूसरे शहरों में भी परफ़ॉर्म किया है, लेकिन अयोध्या जैसी ऑडिएंस कहीं नहीं मिली.’
आपको ये भी पसंद आएगा
बेवफ़ा समोसे वाला: प्यार में धोखा मिला तो खोल ली दुकान, धोखा खाये लवर्स को देता है डिस्काउंट
जानिये दिल्ली, नई दिल्ली और दिल्ली-NCR में क्या अंतर है, अधिकतर लोगों को ये नहीं मालूम होगा
जानिए भारत की ये 8 प्रमुख ख़ुफ़िया और सुरक्षा जांच एजेंसियां क्या काम और कैसे काम करती हैं
मिलिए गनौरी पासवान से, जिन्होंने छेनी व हथोड़े से 1500 फ़ीट ऊंचे पहाड़ को काटकर बना दीं 400 सीढ़ियां
ये IPS ऑफ़िसर बेड़िया जनजाति का शोषण देख ना पाए, देखिए अब कैसे संवार रहे हैं उन लोगों का जीवन
अजय बंगा से लेकर इंदिरा नूई तक, CEO भाई बहनों की वो जोड़ी जो IIM और IIT से पास-आउट हैं