104 साल की एथलीट, मन कौर साबित कर रही हैं कि उनके लिए उम्र मात्र एक संख्या है

Ishi Kanodiya

मन कौर को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद द्वारा ” नारी शक्ति पुरस्कार 2019 ” से सम्मानित किया गया है. मन कौर 93 साल की थीं जब उन्होंने एथलेटिक्स में अपना करियर शुरू किया था.  

बीते 10 वर्षों में उन्होंने 20 से भी ज़्यादा पदक अपने नाम दर्ज करवाए हैं. 

मन कौर को लोग ‘चंडीगढ़ का चमत्कार’ से भी जाना जाता है. वो ‘फ़िट इंडिया’ मूवमेंट का भी हिस्सा हैं.  

राष्ट्रपति से पुरस्कार लेते वक़्त, उनके 81 वर्षीय बेटे गुरदेव सिंह भी थे. जो एक अनुभवी एथलीट हैं.  

1 मार्च 1916 को जन्मी मन कौर ने पहला पदक 2007 में चंडीगढ़ मास्टर्स एथलेटिक्स मीट में जीता, जिसमें उन्होंने अपने बड़े बेटे गुरदेव को दौड़ में हिस्सा लेते देख लिया था. और तब से, उन्होंने केवल अपनी उपलब्धियों की सूची लम्बी ही की है.  

उन्होंने पोलैंड में विश्व मास्टर्स एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में चार स्वर्ण पदक (ट्रैक एंड फ़ील्ड) जीते. 

वह 2017 में ऑकलैंड के स्काई टॉवर के शीर्ष पर चलने वाली सबसे उम्रदराज़ व्यक्ति हैं.  

ऑस्टियोपोरोसिस से पीड़ित होने के बावजूद, उन्होंने ख़ुद को साबित किया है.  

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