ईमानदारी की मिसाल: 10 दिन पहले मेट्रो में गुम हुआ था पर्स, डाक के ज़रिये मिला वापस

J P Gupta

किसी मेट्रो या फिर ट्रेन में रोज़ाना सफ़र करते हुए आप ये सुनते होंगे कि कल किसी की जेब कट गई, उस दिन किसी का बैग चोरी हो गया. इसके बाद आप सतर्क रहने लगते हैं और सफ़र के दौरान अपना पर्स कई बार चेक रहते हैं, लेकिन आये दिन की इस भागा-दौड़ी में एक मौका ऐसा आता है कि आप लापरवाह हो जाते हैं और बदकिस्मती से उसी दिन आपका पर्स चोरी हो जाता है. इसके बाद आप ख़ुद को ये सांत्वना देते हैं कि शायद ऐसा होना ही था और अब आपके पर्स में रखी सारे ज़रूरी कागज़ात अब नहीं मिलने वाले हैं.

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दिल्ली के रहने वाले गुरप्रीत सिंह के साथ मेट्रो में सफ़र के दौरान ऐसा ही हुआ था. वो भी अपनी सभी ज़रूरी चीज़ों को वापस पाने का ख़्याल दिल से निकाल बैठे थे. लेकिन इस हादसे के 10 दिन बाद उनकी ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा, जब उनके घर पर एक पार्सल आया.

इस पार्सल में उनके खोए हुए पर्स में वो सब कुछ था जैसा कि उन्होंने वहां रखा था. साथ ही उस भले आदमी का लेटर, जिसमें उसने गुरप्रीत को सावधान रहने की सलाह दी थी. इस नेक आदमी का नाम सिद्धार्थ मेहता है. उनके इस ईमानदार कदम की सराहना करते हुए गुरप्रीत ने अपने फे़सबुक अकाउंट पर उन्हें थैंक्यू लेटर लिख कर शेयर किया है. 

गुरप्रीत ने लिखा, ‘मैंने तो अपने पर्स और उसमें रखे कागज़ात के वापस मिलने की उम्मीद ही खो दी थी, लेकिन मैं सिद्धार्थ का तहे दिल से शुक्रिया करना चाहूंगा कि न सिर्फ़ उन्होंने मेरा पर्स वापस किया, बल्कि उसमें रखे पैसे भी लौटा दिये.’ उनके इस लेटर को देखने के बाद तमाम लोग सिद्धार्थ की तारीफ़ करते नहीं थक रहे.

सिद्धार्थ मेहता ने जो ईमानदारी दिखाई, वो विरले ही देखने को मिलती है. उम्मीद है उनकी इस ईमानदारी से लोग सबक लेंगे और आगे से वो भी ऐसे ही निःस्वार्थ रूप से किसी की मदद करेंगे.

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