आदिवासियों को जागरूक करने के लिए इस कपल ने बना डाला अपने ही घर में ख़तरनाक जानवरों का चिड़ियाघर

Sumit Gaur

बाथरूम में छोटा-सा कॉकरोच और घर में मामूली-सी छिपकली देख कर अच्छे-अच्छों की चीख निकलना मामूली-सी बात है. अब ज़रा सोचिये कि इस छिपकली या कॉकरोच के बजाय कोई ज़हरीला सांप या ख़तरनाक तेंदुआ आपके सामने आ जाये, तो आपका क्या हाल होगा! इसके बारे में सोच कर ही दिल ख़ौफ़ से घिर जाता है, पर एक ऐसा बच्चा भी है, जो सांप को गले में डाले हुए उसके साथ खेलता है.

डॉ. प्रकाश आमटे और उनकी पत्नी डॉ. मन्दाकिनी आमटे ने महाराष्ट्र के हेमलकसा में आदिवासियों को शिक्षित करने के लिए अपने घर में स्थानीय जानवरों का एक छोटा-सा चिड़ियाघर स्थापित किया.

उनके इस चिड़ियाघर में सांप, मगरमच्छ, तेंदुआ समेत करीब 100 से ज़्यादा जानवर मौजूद हैं.

इस कपल को इस चिड़ियाघर का विचार उस समय आया, जब इन्होंने एक आदिवासी ग्रुप को खाने की कमी से बंदर को मारते हुए देखा. 

प्रकाश का कहना है कि ‘हमने उन्हें चावल दिया और उसके बदले बंदर को बचाया, जहां से हमारे चिड़ियाघर की शुरुआत हुई.’

आमटे को इस चिड़ियाघर को शुरू किये हुए करीब 20 साल हो गए, पर इन 20 सालों में किसी भी जानवर ने उन्हें कभी कोई नुकसान नहीं पहुंचाया. 

इस बारे में प्रकाश का कहना है कि ‘जानवर हमारे दोस्त की तरह बन गए हैं. हमें उन्हें अपने ही परिवार के सदस्य की तरह ही मनाते हैं.’

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