पुणे के इस शख़्स ने 10 साल तक पैसे जोड़े, ताकि बेसहारा कुत्ते-बिल्लियों के लिए एंबुलेंस ख़रीद पाए

Akanksha Tiwari

कुछ लोग दुनिया में ख़ुद के लिये नहीं, बल्कि दूसरों के लिये जन्म लेते हैं. ऐसे नेक और साफ़ दिल वाले लोगों का मक़सद सिर्फ़ दूसरों की मदद करना होता है. इन्हीं चुनिंदा और महान लोगों में पुणे का एक व्यक्ति भी शामिल है. नाम है बालू उजागरे. पुणे का रहना वाला ये शख़्स पिछले 10 वर्षों से पाई-पाई जोड़ रहा था. वो भी अपने लिये नहीं, बल्कि बेजु़बान और बेसराहा जानवरों की मदद के लिये.  

हाल ही में उजागरे ने जोड़े हुए पैसों से वैन ख़रीदी, जिसे उन्होंने एंबुलेंस में तब्दील कर दिया है. ये वैन उन्होंने कुत्ते-बिल्लियों को अस्पताल पहुंचाने के लिये ख़रीदी है. दरअसल, उजागरे लंबे समय से Animal Welfare फ़ील्ड में बेहतरीन काम कर रहे हैं. वो अकसर पालतू जानवरों को डॉक्टर तक पहुंचाने के लिये, उनके मालिकों से 1.5 किमी की दूरी तक के लिये 15 रुपये लेते हैं. यही नहीं, वो सड़क पर बीमार या चोटिल डॉग्स और बिल्लियों का भी इलाज कराते हैं.  

अपने इस नेक कार्य को जारी रखने के लिये उन्हें की आवश्यकता थी, जिससे वो वैन ख़रीद सके. इसलिये उन्होंने पैसे जोड़ने शुरू किए और आखिरकार गाड़ी खरीद ही ली.  

इस बारे में उजागरे का कहना है कि ‘शुरू में मैं कुत्तों से डरता था, पर अब उनकी मदद करना मेरी ज़िंदगी बन गया है. अगर कभी इन Strays को चिकित्सा की आवश्यकता होती है, तो मैं उन्हें अपने घर ले आता हूं. क्योंकि कई बार बीमार कुत्तों और बिल्लियों को नियमित ड्रेसिंग और दवा की ज़रूरत होती है, जो कि सड़कों पर नहीं दी जा सकती.’

ज़िंदगी को लेकर हर किसी के नये लक्ष्य होते हैं, पर उजागरे का ये लक्ष्य वाकई क़ाबिले-ए-तारीफ़ है, जिसके बारे में जितना लिखा जाये कम है. 

आपको ये भी पसंद आएगा
बेवफ़ा समोसे वाला: प्यार में धोखा मिला तो खोल ली दुकान, धोखा खाये लवर्स को देता है डिस्काउंट
जानिये दिल्ली, नई दिल्ली और दिल्ली-NCR में क्या अंतर है, अधिकतर लोगों को ये नहीं मालूम होगा
जानिए भारत की ये 8 प्रमुख ख़ुफ़िया और सुरक्षा जांच एजेंसियां क्या काम और कैसे काम करती हैं
मिलिए गनौरी पासवान से, जिन्होंने छेनी व हथोड़े से 1500 फ़ीट ऊंचे पहाड़ को काटकर बना दीं 400 सीढ़ियां
ये IPS ऑफ़िसर बेड़िया जनजाति का शोषण देख ना पाए, देखिए अब कैसे संवार रहे हैं उन लोगों का जीवन
अजय बंगा से लेकर इंदिरा नूई तक, CEO भाई बहनों की वो जोड़ी जो IIM और IIT से पास-आउट हैं