एहसान हिलाल जब 5 साल के थे तब टीवी पर पाकीज़ा फ़िल्म का ‘चलते-चलते’ गाना सुनते ही सोफ़े से भागते हुए टीवी के सामने पहुंच जाते थे और मीना कुमारी के अंदाज़ की नक़ल करने की कोशिश करते थे.
बचपन था इसलिए घर वाले एहसान के डांस की तारीफ़ करते, उन्हें नाचता देख ख़ुश होते थे. लेकिन जैसे-जैसे उम्र बढ़ती गई एहसान को नाचता देख घरवालों के हाव-भाव बदलने लगे. चेहरे की झुंझलाहट शारीरिक हिंसा और ताने में बदल गई.
The Better India के साथ हुई ख़ास बातचीते में एहसान ने अपने बचपन और बाद के दिनों के संघर्ष को याद किया.
मेरे बैठने, चलने और हाव-भाव की वजह से मुझे मारा गया. घरवालों और दोस्तों से मिले तानों से मुझे लगने लगा कि मेरे भीतर ही कुछ बुराई है.
आज 25 साल की उम्र में एहसान हिलाल को देश का पहला पेशेवर पुरुष बेली डांसर माना जाता है. पहली बार उनको प्रसिद्धी साल 2017 में मिली जब उन्होंने एक डांस शो पर स्कर्ट पहन कर बेली डांस किया था.
90 के दशक में जब बच्चे रीमिक्स गानों को पसंद करते थे एहसान को रेखा, वयजंती माला और वहिदा रहमान के गाने पसंद आते थे. अभिनेत्रियों के चेहरे के हाव-भाव की नकल करना उन्हें पसंद था. बड़ी छोटी उम्र में एहसान को अपनी मंज़िल का पता चल गया था.
एहसान को कभी भी परिवार का साथ नहीं मिला. उनको अपमानित करने के लिए हिजड़ा, वैश्या जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया जाता था. तमाम हिकारत के बाद भी एहसान क्लासिक डांस करते रहें. कथक डांस सीखने के लिए उन्होंने पैसे भी बचाए, मां को पता चला तो फिर घर में पिटाई हुई. पिता ने इतना मारा की एड़ी में फ़्रैक्चर हो गया, घूंघरु फेंक दिए गए.
साल 2008 में एक टीवी शो के विज्ञापन को देख उसमें हिस्सा लेने के लिए एहसान घर से भाग गए.
‘बिना पैसों के घर से भागना बहुत बचकाना था. मैं नैनिताल पहुंच गया और कुछ महीनों तक एक होटल में काम किया. पुलिस की मदद से मेरे घरवालों ने मुझे ढूंढ लिया.’
अपने परिवार के ‘मान-सम्मान’ के लिए एहसान ने कुछ दिनों तक 12वीं कक्षा में डांस से दूरी कर ली. उन्होंने ख़ुद पर दबाव बना कर अपने तौर-तरीके बदलने की कोशिश की. एक दिन उनकी मां द्वारा कही एक बात ने एहसान की ज़िंदगी बदल दी, ‘मेरी मां ने कहा कि मैं सिर्फ़ भगवान के लिए जवाबदेह हूं और मुझे सिर्फ़ उनसे ही डरना चाहिए. उस बात ने मेरे भीतर के डर को ख़त्म कर दिया. मैं वापस से डांस की ओर मुड़ गया.’
मशहूर बेली-डांसर मेहर मलिक को डांस करता देखने के बाद एहसान के भीतर बेली डांस सीखने की इच्छा हुई. लेकिन पुरुष होने के वजह से उन्हें कोई सिखाने वाला नहीं मिला. थक-हार कर वो YouTube को देख कर डांस सीखने लगे.
2013 में फ़ैशन की पढ़ाई करने के लिए एहसान मुंबई चले गए, वहां उनका बेली डांस चलता रहा. पढ़ाई पूरी करने के बाद वो वापस से दिल्ली लौट गए और इस बार बेली डांसिंग क्लास में एडमिशन मिल गया.
आज एहसान एक जाने-माने बेली डांसर हैं, दिल्ली में बेली डांसिंग सिखाते हैं दुनिया के अलग-अलग कोने में Perform करते हैं. लोगों से मिलने वाली गालियां तालियों में बदल चुकी हैं फिर भी घर वालों की नज़र एहसान के पेशा सम्मानजनक नहीं है. एहसान को लगता है कि दुनिया की तरह घरवालों का नज़रिया भी उनके प्रति एक दिन ज़रूर बदलेगा.
यहां आप एहसान के Performance करते देख सकते हैं.