इस कंबल बेचने वाले के पास जितना स्टॉक था, उसने दान कर दिया ताकी केरल बाढ़ पीड़ितों की मदद हो जाए

Sanchita Pathak

केरल में आए बाढ़ ने लोगों की ज़िन्दगी अस्त-व्यस्त कर दी है. बाढ़ में अब तक 37 लोगों की जानें जा चुकी हैं और सैंकड़ों के घर डूब चुके हैं. इस बाढ़ ने उम्मीद से कही ज़्यादा तबाही मचाई है.

2 दिन पहले से राज्य में बाढ़ का पानी कम होने लगा है लेकिन समस्याएं अभी भी बाकी हैं. सैंकड़ों लोगों ने टेंट में आसरा लिया है. इस विपदा के बीच बाढ़ पीड़ितों की मदद करने के लिए कई लोग आगे आए हैं.

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ऐसे ही एक शख़्स हैं मध्य प्रदेश के विष्णु. घर-घर जाकर कंबल बेचने वाले विष्णु ने Adichukootti Government School, Mangad में बने बाढ़ राहत कैंप में सारे कंबल दान कर दिए.

28 वर्षीय विष्णु नीमच के रहने वाले हैं और 16 साल की उम्र में ही केरल के कन्नुर ज़िले के इरिट्टी में रहने आ गए थे. इस मिट्टी को कुछ वापस लौटाने की ख़्वाहिश के साथ उन्होंने स्टॉक के सारे कंबल दान कर दिए.

कंबल ख़रीदने के सिलसिले में विष्णु हरियाणा जाते रहते थे और केरल में बाढ़ की व्यापक स्थिति का उन्हें अंदाज़ा नहीं था.

The Week

हरियाणा से वापस इरिट्टी तालुक ऑफ़िस पहुंचने पर उन्हें बाढ़ द्वारा फैली तबाही का पता चला और उन्होंने कंबल दान करने का निर्णय लिया.

The Week के अनुसार, विष्णु तालुक ऑफ़िस में भी कंबल, डोरमैट, ड्रेस मैटेरियल बेचने जाते थे. डिप्टी तहसीलदार लक्ष्मण ने बताया,

हम सभी उससे सामान ख़रीददते थे. जब शुक्रवार को भी वो सामान बचेने आया तो मैंने उसे बाढ़ के पानी में इधर-उधर जाने से मना किया.

विष्णु से डिप्टी तहसीलदार से कंबल दान करने की इच्छा ज़ाहिर की. डिप्टी तहसीलदार के अनुसार,

मुझे लगा कि वो मज़ाक कर रहा है. मैंने उससे पूछा कि अगर उसने दान कर दिया तो वो कैसे कमाएगा? लेकिन विष्णु के इरादे पक्के थे. हम उसे Adichukootti कैंप में ले गए और वहां कन्नुर के कलेक्टर भी मौजूद थे. विष्णु ने सीधे उन्हें कंबल दे दिए.

विष्णु की दिलेरी पर सोशल मीडिया सैनिकों ने भी सराहना की-

1. परेशानी में जीते हुए भी कितना बड़ा दिल है विष्णु का.

2. यही है असली हीरो

3. भगवान इनको ख़ुश रखे.

4. दान के लिए बड़ा दिल होना चाहिए.

5. काश के हमारे नेता इनसे कुछ सीख सकें.

सच में इंसानियत अभी बाकी है. एक छोटी सी कोशिश से बदलाव लाया जा सकता है.

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