कोरोना महामारी के चलते मध्य प्रदेश में कई सप्ताह से बसें बंद हैं. इसलिए आम लोगों को इसके चलते कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. जिन छात्रों की परीक्षाएं चल रही हैं उनके लिए ये सबसे बड़ी मुसीबत बन गई है. मगर कुछ लोग होते हैं जो मुश्किलों के सामने हार नहीं मानते और डटकर उनका मुक़ाबला करते हैं.
मध्यप्रदेश के धार ज़िले से ऐसे ही एक शख़्स की प्ररेणादायक कहानी आई है. यहां एक पिता ने 85 किलोमीटर का लंबा सफ़र साइकिल से तय किया ताकि उसका बेटा 10वीं की परीक्षा दे सके.
दरअसल, इन दिनों एमपी में 10वीं के सप्लिमेंट्री एग्ज़ाम्स हो रहे हैं. धार ज़िले के बयडीपुरा गांव के रहने वाले आशीष को भी ये परीक्षा देनी थी. लेकिन उनका परीक्षा केंद्र घर से 85 किलोमीटर दूर था.
बस चल नहीं रही थी और पैसों की तंगी की वजह से प्राइवेट साधन इनके पिता शोभाराम जी कर नहीं सकते थे. इसलिए मज़दूर पिता ने साइकिल उठाई और निकल पड़े बच्चे को पेपर दिलाने. शोभाराम जी ने पूरे 7 घंटे तक साइकिल चलाकर बेटे को परीक्षा केंद्र तक पहुंचाया.
उनकी स्टोरी एएनआई ने सोशल मीडिया पर शेयर की थी. उनकी ये कहानी अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. लोग यहां पर इस पिता के जज़्बे और हिम्मत को सलाम कर रहे हैं. आप भी देखिए:
आशीष बड़ा होकर एक अफ़सर बनना चाहता है. उनके पिता ने इस बारे में बात करते हुए कहा– ‘हमें इससे काफ़ी परेशानी तो हुई लेकिन हमारे पास कोई विकल्प नहीं था. ये मैंने इसलिए किया कि मेरा बेटा शिक्षित हो जाए. हमने कुछ पैसे उधार लेकर राशन भी ख़रीदा था, जिसे हमने रास्ते में खाया था.’
शोभाराम जी के जज़्बे को सैल्यूट है.
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