ये है कलयुग का श्रवण कुमार, स्कूटर पर मां को करवा रहा है तीर्थ यात्रा, आनंद महिंद्रा भी हुए मुरीद

J P Gupta

माता-पिता अपने बच्चों की ख़ुशियों के लिए कुछ भी करने को तैयार रहते हैं. उसमें भी एक मां घर से लेकर बाहर तक कि सभी ज़िम्मेदारियां निभाती है. लेकिन कभी उसके चेहरे पर शिकन देखने को नहीं मिलती. वो जो करती हैं उसकी भरपाई हम कभी नहीं कर सकते, लेकिन उनके लिए कुछ ऐसा तो कर ही सकते हैं जिससे वो ख़ुश रहें.

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मैसूर के डी. कृष्णा कुमार अपनी मां की ख़ुशी के लिए कुछ ऐसा ही कर रहे हैं. वो अपने 20 साल पुराने स्कूटर पर अपनी मां को लेकर पूरे देश की तीर्थ यात्रा पर निकले हैं. उनके इस कदम की सोशल मीडिया पर जमकर तारीफ़ हो रही है.

बिज़नेस टायकून आनंद महिंद्रा ने भी उनके इस कदम की सराहना की है. साथ ही उन्हें नई कार देने की इच्छा भी जाहिर की है. आनंद ने उनके वीडियो को रीट्विट करते हुए लिखा- ‘एक ख़ूबसूरत कहानी. मां के प्रति प्रेम की और देश के प्रति भी. मनोज इसे शेयर करने के लिए शुक्रिया. क्या आप मुझे इनसे मिलवा सकते हैं. मैं इन्हें Mahindra KUV 100 NXT गिफ़्ट करना चाहता हूं, ताकि वो अगली बार अपनी मां को कार में तीर्थ यात्रा करवा सकें.’

कृष्ण कुमार ने ये यात्रा पिछले साल जनवरी में आरंभ की थी. अब तक वो अपने स्कूटर पर क़रीब 48000 किलोमीटर की यात्रा कर चुके हैं. इस यात्रा में वो देश के कई तीर्थ स्थलों के साथ नेपाल, भूटान और म्यांमार की यात्रा भी कर चुके हैं.

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इस बारे में बात करते हुए कृष्णा कुमार ने कहा- ‘संयुक्त परिवार में मेरी मां चूड़ारत्ना की भूमिका घर और रसोई तक ही सीमित थी. एक बार मैंने पूछा कि वो अपने इलाके के मशहूर मंदिर गईं हैं, तो उन्होंने कहा नहीं. तब मुझे बहुत दुख हुआ. पूछने पर उन्होंने बताया कि वो हंपी जाना चाहती हैं. उसके बाद मैंने तय कर लिया कि मैं इन्हें तीर्थ यात्रा पर लेकर जाऊंगा. उनके साथ पूरा समय बिताऊंगा और उन्हें जीवन की सभी ख़ुशियां दूंगा.’

जिस स्कूटर पर वो यात्रा कर रहे हैं ये उन्हें उनके पिता ने गिफ़्ट किया था. कृष्णा कुमार का मानना है कि स्कूटर के होने से उन्हें लगता है कि उनके पिता भी उनके साथ हैं. सोशल मीडिया पर लोग कृष्णा की जमकर तारीफ़ कर रहे हैं. कुछ लोग उन्हें 21वीं सदी का श्रवण कुमार कह रहे हैं. आप भी देखिए:

हमें भी कृष्णा कुमार से सीख लेते हुए अपने माता-पिता के साथ जितना हो सके उतना वक़्त बिताना चाहिए. क्योंकि समय किसी का इंतज़ार नहीं करता. हमें जितना हो सके उन्हें ख़ुश रखना चाहिए, जैसे वो पूरी ज़िंदगी हमें ख़ुश रखने की कोशिश करते रहते हैं. 

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