दूध पीने वालों और दूध से नफ़रत करने वालों को ज़रूर जानने चाहिए दूध से जुड़े ये 7 मिथक

Komal

ऐसा शायद ही कोई इंसान होगा, जिसे बचपन में दूध पीना पसंद रहा हो. लेकिन जैसे-जैसे इंसान बड़ा होता है और अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग होता है, उसे दूध के फ़ायदे पता लगने लगते हैं. विटामिन और प्रोटीन से भरे दूध के फ़ायदों के बारे में तो आपने बहुत सुना होगा, पर उससे जुड़े ये सात मिथक आपको शायद ही पता होंगे.

Myth 1: दूध पीने से किडनी स्टोन होते हैं.

वैज्ञानिक रिसर्च बताती है कि दूध पीने और किडनी में स्टोन होने के बीच कोई संबंध नहीं है, बल्कि इससे स्टोन होने का ख़तरा कम होता है.

Myth 2: Organic दूध, साधारण दूध से बेहतर होता है.

इन दोनों में कोई ख़ास अंतर नहीं होता है. इनकी क्वालिटी और इनमें मिलने वाले पोषक तत्व भी एक ही होते हैं, बस इनके प्रोडक्शन में अंतर होता है.

Myth 3: Carton में मिलने वाला दूध सिंथेटिक होता है.

Carton में मिलने वाला दूध भी वैसे ही निकाला जाता है, जैसे सामान्य दूध. इसका स्वाद बेहतर इसलिए होता है, क्योंकि फ़ार्म पर मवेशियों को अच्छी क्वालिटी का चारा खिलाया जाता है.

Myth 4: पैकेज्ड दूध में Preservatives होते हैं.

पैकेज्ड दूध में Preservatives नहीं होते हैं. UHT (Ultra Heat Treatment) के द्वारा उसे कीटाणुरहित बनाया जाता है, इसलिए वो लम्बे समय तक ख़राब नहीं होता.

Myth 5: दूध पीन से बच्चों में किशोरावस्था की शुरुआत जल्दी होती है

दूध पीने का किशोरावस्था की शुरुआत से कोई सम्बन्ध नहीं है. दूध में अच्छी मात्रा में कैल्शियम पाया जाता हा, इसलिए बढ़ते बच्चों को दूध ज़रूर पीना चाहिए.

Myth 6: Lactose Intolerant लोगों को दूध नहीं पीना चाहिए.

मार्केट में Lactose-Free दूध उपलब्ध है, Lactose Intolerant लोग इसका इस्तेमाल कर सकते हैं. इसमें दूध जितने ही पोषक तत्व होते हैं और स्वाद में भी कोई अंतर नहीं होता है.

Myth 7: पैकेज्ड दूध को उबालना चाहिए.

इस दूध को कुछ इस तरह पैक किया जाता है कि ये पूरी तरह कीटाणुरहित हो जाता है, इसलिए इसे उबालने की ज़रुरत नहीं होती.

दूध वाकयी सेहत का खज़ाना होता है. एक ग्लास दूध रोज़ पीने से आपको बीमारियां होने की सम्भावना बहुत कम हो जाती है. तो दूध से जुड़े इन मिथकों के चक्कर में दूध पीना मत छोड़ना.

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