जब से कोरोना वायरस महामारी फैली है तब से लगभग सबका लोगों से मिलना-जुलना तो एकदम ही बंद है मगर कभी मिल जाने पर आदतन हाथ मिलाने के लिए हाथ आगे बढ़ ही जाता है. लेकिन धीरे-धीरे अब ये आदत भी जा रही है.
अब हम लोग लॉकडाउन से अनलॉक की ओर भले ही बढ़ रहे हैं मगर सोशल-डिस्टेंसिंग का पालन करना पड़ेगा क्योंकि कोरोना वायरस का ख़तरा बढ़ता ही जा रहा है.
ऐसे में लोगों के बीच मिलने-जुलने में नमस्ते ने जगह बना ली. 2020 में कई बार नमस्ते ने सुर्ख़ियों में जगह बनाई. देश-विदेश हर जगह नमस्ते का बोलबाला रहा. आइये जानते हैं ऐसे ही 6 मौकों के बारे में जब अपने नमस्ते ने दिखाया कमाल.
1. राजनाथ सिंह का रूसी अधिकारियों से नमस्ते:
शंघाई सहयोगी संगठन (एससीओ) की बैठक में शामिल होने के लिए केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह रूस दौरे पर गए हैं. बुधवार को मॉस्को पहुंचने के बाद राजनाथ सिंह से हाथ मिलाने के लिए जब रूसी अधिकारी ने अपना हाथ आगे बढ़ाया तो उसका जवाब रक्षा मंत्री ने नमस्ते करके दिया.
2. एंजेला मर्केल और इमैनुएल मैक्रोन का नमस्ते:
अगस्त में जर्मनी की वाइस-चांसलर एंजेला मर्केल और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रोन ने यूरोप और कोरोनोवायरस के उपाय पर चर्चा करने के लिए पेरिस में मुलाकात की. इस दौरान दोनों ने एक-दूसरे को नमस्ते किया.
3. बोरिस जॉनसन और इमैनुएल मैक्रॉन:
जून में, ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन की मुलाकात हुई थी. दोनों ने सोशल-डिस्टेंसिंग का पालन किया था और एक दूसरे से नमस्ते करके मिले थे.
4. Say Namaste ऐप्प:
अप्रैल के आसपास इस ऐप्प का ज़िक्र ज़ोरों पर था. ये App वीडियो चैट और Conferencing के लिए बनाया गया है. Inscripts नाम की कंपनी ने इसे बनाया है जो मुंबई की है. इस ऐप का प्रचार ये कह कर किया गया कि भारत सरकार ने इस ऐप को लांच किया है. प्रेस सूचना ब्यूरो ने ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी कि सरकार ने ऐसा कोई ऐप लॉन्च नहीं किया.
5. बाबा सहगल का नमस्ते रैप:
बाबा सहगल थोड़े थोड़े दिनों में अपना कोई ना कोई गाना निकालते रहते हैं. उन्होंने मार्च में एक गाना निकाला था “नमस्ते: कोरोनावायरस से बचने का इंडियन तरीका”. ये गाना काफी हिट हुआ था.
6. नमस्ते ट्रम्प:
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फरवरी में भारत का दौरा किया था. इस दौरान एक रैली आयोजित की गयी थी जिसे नमस्ते ट्रम्प नाम दिया गया था. पहले इस रैली का नाम ‘केम छो ट्रम्प’ था.