महिलाओं को पुरुषों की तुलना में अपनी रोज़मर्रा की ज़िंदगी में अत्यधिक चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. फिर चाहे बात स्कूल या कॉलेज जाने वाली लड़की की हो, या फिर किसी वर्किंग और हाउस वाइफ़ की, लेकिन बहुत कम ही महिलाएं ऐसी होती हैं जो हमारे समाज में अपने पैर पसार चुकीं रुढ़ीवादी सोच के खिलाफ़ आवाज़ उठाती हैं. इन्हीं में से एक हैं अमेरिका की नोवा गैलेक्सिया. इन्होंने PCOS नाम की बीमारी का दंश झेल रही महिलाओं की हौसला अफ़जाई करने के लिए समाज के कथित ठेकेदारों के खिलाफ़ आवाज़ बुलंद की है.
इससे पहले हम आपको नोवा के साहसिक कदम के बारे में बताएं, आपको ये जान लेना चाहिए कि PCOS नाम की बीमारी क्या है. इस बीमारी का पूरा नाम है Polycystic Ovary Syndrome. इस बीमारी से पीड़ित महिलाओं को Hormone Imbalance की वजह से कई तरह की परेशानियों से जूझना पड़ता है. इसका सबसे बड़ा साइड इफे़क्ट है इसकी वजह से महिलाओं को भी दाढ़ी-मूछें आने लगती हैं.
इसकी वजह से महिलाओं के शरीर। ख़ास कर चेहरे पर बढ़ते बाल. ये बाल शरीर में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन के बढ़ने से होता है. प्रोजेस्ट्रोन आदमी के शरीर में सिक्रीट होने वाला हार्मोन है, जबकि महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन नाम के हार्मोन रिलीज़ होते हैं. PCOS में औरत के शरीर में टेस्टोस्टेरोन की मात्रा बढ़ जाती है (औरतों के शरीर में भी टेस्टोस्टेरोन रिलीज़ होता है, लेकिन कम मात्रा में).
यही इस बीमारी से पीड़ित महिलाओं के लिए परेशानी का सबब बन जाता है. क्योंकि समाज में जिस लड़की की मूंछें और दाढ़ी आने लगती हैं, उसे हीन भावना से देखा जाने लगता है. इसके चलते वो पुरुषों की तरह शेविंग करने को मजबूर हो जाती हैं.
नोवा गैलेक्सिया भी इसी बीमारी से पीड़ित हैं और समाज की रुढ़ीवादी परिपाटियों के अनुसार खु़द को ढ़लने के लिए बचपन से ही शेव करतीं आ रही हैं, लेकिन पिछले साल ही नोवा ने ऐसा नहीं करने का फै़सला लिया. मकसद था ‘नो शेव नवंबर’ ट्रेन्ड का हिस्सा बनना.
नो शेव नवंबर एक ऐसी मुहिम है जिसमें हिस्सा लेने वाले लोग नवबंर में शेव नहीं बनाते हैं. इस तरह उनकी शेविंग न करने से जो पैसा बचता है, उसे वो दान देते हैं जो कैंसर पीड़ित मरीजों के लिए जाता है.
नोवा ने इस मुहिम के बहाने अपनी दाढ़ी बढ़ाने का फै़सला लिया और धीरे-धीरे उनका हौसला बढ़ता गया. इसके बाद उन्होंने अपना रेज़र फेंका और हमेशा के लिए इस लुक को अपनाने का फै़सला कर लिया. क्योंकि उनका मानना है उनके साथ जो हो रहा है वो एक नॉर्मल चीज़ है. PCOS से जूझ रही महिलाओं के साथ ऐसा होना लाज़मी है.
वो यहीं नहीं रुकीं, उन्होंने एक कदम आगे बढ़ते हुए अपने जैसी सभी महिलाओं का हौसला बढ़ाने के लिए सोशल मीडिया पर अपने इस लुक के साथ फ़ोटो शेयर की. इसके बाद इस बीमारी से ग्रसित ऐसी ही दूसरी महिलाओं ने उनके इस कदम की सराहना की और खु़द भी ऐसा करने के लिए प्रेरित हुई.
वहीं दूसरी तरफ़, समाज के कुछ कथित ठेकेदारों ने उनकी आलोचना करनी शुरू कर दी. उन्होंने नोवा को कहा कि वो ऐसा सस्ती लोकप्रियता पाने के लिए कर रही हैं. नोवा ने ऐसे लोगों को मुंहतोड़ जवाब देते हुए लिखा कि: ‘हां मैं ये सब इस बीमारी से पीड़ित महिलाओं की अटेंशन पाने के लिए कर रही हूं. मैं उन्हें बताना चाहती हूं कि ऐसा होना स्वभाविक है और वो भी अपने इस लुक के साथ रह सकती हैं.’
नोवा जो कर रही हैं, वो काबिले-तारीफ़ है. बहुत कम महिलाएं ही ऐसा करने की हिम्मत दिखातीं हैं. उनकी इस हिम्मत को सलाम. उम्मीद है कि वो आगे भी इसी तरह महिलाओं के हक के लिए लड़ती रहेंगी.
यहां देखिए उनके द्वारा शेयर किए गए कुछ वीडियो-