भिलाई में है अनोखी ‘नुक्कड़’ चाय की दुकान, जिसे चलाते हैं सिर्फ़ Transgenders और दिव्यांग

Sanchita Pathak

Café में जाकर खाने से ज़ुबान और पेट दोनों ख़ुश हो जाते हैं और कुछ Cafés ऐसे भी होते हैं, जो दिल को भी ख़ुश कर देते हैं. ऐसा ही एक Café है, छत्तीसगढ़ के भिलाई का ‘Nukkad Teafe’. ये Café बाकी Cafés से काफ़ी अलग है. इस Café में सिर्फ़ Transgenders और दिव्यांग काम करते हैं.

Laughing Colours

ख़ूबसूरत Interiors और लज़ीज़ खाने के अलावा, ये Café समाज को एक सीख भी दे रहा है. अगर आप Foodie हैं, तो आपने भी इस अनोखे Café में जाने का इरादा कर लिया होगा. पर यहां जाकर आप तस्वीरें खींचकर सोशल मीडिया पर नहीं डाल सकते, क्योंकि यहां आपको अपने फ़ोन भी जमा कर देने होते हैं.

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ये अनोखा Café अपने ग्राहकों को अपने फ़ोन से नहीं बल्कि एक-दूसरे से बात करने की नसीहत देता है. फ़ोन जमा करने पर 10% छूट की भी मिलती है. ज़रा सोचिए गरमा-गरम चाय और एक अजनबी से कुछ बातें.

Nukkad में आप अजनबियों से दोस्ती करने के अलावा, किताबें पढ़ सकते हैं और Sign Language सीख भी सकते हैं. यहां का Menu भी ऐसे बनाया गया है कि कस्टमर्स आसानी से Sign Language में अपना Order दे सकते हैं.

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ये Café न सिर्फ़ समाज के कमज़ोर वर्ग के उत्थान के लिए काम कर रहा है, बल्कि हमें भी फ़ोन से हटाने और एक दूसरे के पास लाने का काम भी कर रहा है.

इस Café की कई Branches हैं, जो छत्तीसगढ़ के अलग-अलग शहरों में फैले हुए हैं. प्रियांक पटेल ने इस तरह के Café की शुरुआत 2013 में की थी. प्रियांक कई सालों तक NGOs के साथ काम किया और लोगों की ज़िन्दगी में बदलाव लाने के लिए इस तरह के अनोखे Café की शुरुआत की. प्रियांक Transgenders और Specially Abled लोगों को भी एक नई ज़िन्दगी देना चाहते थे.

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