कांच खाने से लेकर 36 घंटे बिना सोए रहने तक, जानिए कैसे होती है Para SF कमांडो की ट्रेनिंग

J P Gupta

Para SF Commandos Training: 29 सितंबर 2016 की तारीख़ हर भारतीय को याद है. यही वो दिन था जिस दिन भारतीय सेना ने पाकिस्तान पर सर्जिकल स्ट्राइक कर दर्जनों आतंकियों को ख़त्म किया था. इस पर एक फ़िल्म ‘उरी: द सर्जिकल स्ट्राइक’ भी बन चुकी है. 

DefenceXP

इस स्ट्राइक से पहले म्यांमार में भी भारतीय सेना के जवान ऐसी ही कार्रवाई कर वहां चल रहे आतंकी कैंप को तबाह कर सुरक्षित भारत लौटे थे. इस तरह के सीक्रेट मिशन के लिए स्पेशल फ़ोर्स को चुना जाता है, जिन्हें हम Para SF Commandos के नाम से जानते हैं.

कौन होते हैं ये पैरा एस.एफ़ कमांडो, कैसे होती है इनकी ट्रेनिंग, आज हम आपके लिए इनसे जुड़ी पूरी डिटेल्स लेकर आए हैं.

ये भी पढ़ें: इंडियन आर्मी का वो जवान जो कहलाता था स्टील मैन ऑफ़ इंडिया, डिफ़्यूज़ किए थे 250 से अधिक बम

कौन होते हैं पैरा एस.एफ़ कमांडो (Who Are Para SF Commandos)

Reddit

Para SF Commandos भारतीय सेना की पैराशूट रेजिमेंट (Parachute Regiment) की स्पेशल फ़ोर्स यूनिट है. इन्हें देश के दुश्मनों के ख़िलाफ स्पेशल ऑपरेशन को अंजाम देने, बंधक समस्या से निपटने, आतंकवाद विरोधी अभियान, गैर परंपरागत हमले, विशेष टोही मुहिम, विदेश में आंतरिक सुरक्षा, विद्रोह को कुचलने और दुश्मन को तलाश कर तबाह करने जैसे सबसे मुश्किल काम के लिए ट्रेन किया जाता है. जब देश या सेना को किसी गुप्त अभियान को अंजाम करना होता है तो सबसे पहले इन्हें ही याद किया जाता है. इनका नाम सुनते ही देश के दुश्मन थर-थर कांपने लगते हैं. 

ये भी पढ़ें: JFR Jacob: इंडियन आर्मी का वो शूरवीर जिसने 1971 के युद्ध में पाकिस्तान के पराजय की पटकथा लिखी

कैसे होता है इनका सेलेक्शन (Para SF Commandos Selection)

DefenceXP

भारतीय सेना के पास Para SF कमांडोज की 9 बटालियन्स हैं. ये सभी कठोर और सीक्रेट मिशन को आसानी से पूरा करने में माहिर होते हैं. Para SF के लिए जवानों का सेलेक्शन इंडियन आर्मी से होता है. भारतीय सेना के सैनिकों को पहले Paratroopers बनने के लिए अप्लाई करना होता. इसके साथ ही अपने कमांडिंग ऑफ़िसर से रिकमेंडेशन लेटर भी प्राप्त करना पड़ता है. 

कैसे होती है Para SF के कमांडोज की ट्रेनिंग (Para SF Commandos Training)

ये ट्रेनिंग ही है जो Para SF के कमांडोज को भारतीय सेना के अन्य सैनिकों से अलग और स्पेशल बनाती है. बताया जाता है कि इसकी ट्रेनिंग में पास होना का प्रतिशत 2-5 फ़ीसदी ही है. यानी इसमें शामिल होने वाले इतने ही लोग पैरा एस.एफ़ कमांडो बन पाते हैं. Para SF के जवानों को सबसे पहले 90 दिनों के Probation ट्रेनिंग दी जाती है. इस दौरान उनकी मानसिक और शारीरिक सीमाओं का परीक्षण किया जाता है.

80 फ़ीसदी जवान बीच में छोड़ देते हैं ट्रेनिंग

SSBCrack

यहां उन्हें कॉम्बैट ट्रेनिंग और उनके धीरज की कड़ी परीक्षा ली जाती है. बताया जाता है कि इसी दौरान 80 फ़ीसदी उम्मीदवार इस ट्रेनिंग को बीच में ही छोड़ वापस लौट जाते हैं. रिटायर्ड Lt Gen. विनोद भाटिया के अनुसार, इन कमांडोज़ को ऐसे तैयार किया जाता है कि उनकी इच्छाशक्ति टूट जाए, अगर ट्रेनिंग के दौरान सैनिक अपनी इच्छाशक्ति को बरकरार रख पाता है तो उसे पास कर दिया जाता है. 

36 घंटे बिना खाए-पिए और सोए गुज़ारने होते हैं

The Week

इन्हें सिर्फ़ हथियारों के साथ युद्ध लड़ना ही नहीं सिखाया जाता है इनको कम्यूनिकेशन, मेडिकल, कुकिंग और विदेशी भाषाओं को सीखना आदि को मिलाकर लगभग 9 तरह की कड़ी ट्रेनिंग से गुज़रना होता है. इनको ख़ास तौर पर अंडर कवर एजेंट के रूप में काम करने लिए भी प्रशिक्षित किया जाता है. ऐसी ही एक कड़ी ट्रेनिंग होती है जिसे कहा जाता है 36-hour Stress Phase. इस दर्मियान पैरा ट्रूपर्स को 36 घंटे लगातार बिना खाए-पिए और बिना सोए गुज़ारने होते हैं.

उठाना पड़ता है अपने शरीर से अधिक वज़न

Reddit

इसके अलावा एक और ट्रेनिंग होती है. इसमें उन्हें 20 की दो भरी हुई कैन लेकर भागना होता है. सेकंड राउंड में 60-85 किलोग्राम के ट्रक के टार्यस उठाकर चलना होता है. तीसरे राउंड में उनको 30-80 किलोग्राम के लकड़ी के लट्ठे उठाकर चलना होता है. इस दौरान उनके बैग और हथियारों का क़रीब 30 किलो वज़न भी उन्हें लेकर चलना पड़ता है. इसके बाद उन्हें उल्टा लटका कर 12 फ़ी गहरे बर्फ़ीले पानी में कूदने को कहा जाता है.

कांच खाने की भी देनी पड़ती है परीक्षा

इन सबके अलावा उनको HALO (High Altitude Low Opening) और HAHO (High Altitude High Opening) वाली पैराशूट से जंप करने की ट्रेनिंग भी दी जाती है. यही नहीं पैरा एस.एफ़ कमांडोज़ को ट्रेनिंग के दौरान सीवेज लाइन से रेंगते हुए कहीं भी आने-जाने की ट्रेनिंग भी प्रदान की जाती है. उनके प्रशिक्षण के अंत में इन्हें कांच खाने की भी परीक्षा देनी पड़ती है. इससे पता चलता है कि वो कितने निर्भय हैं. 


SSBCrack

इस तरह की कठोर ट्रेनिंग के बाद ही एक Para SF कमांडो तैयार होता है, जो देश के लिए किसी भी मिशन को सफ़ल बनाने में अपनी जी जान लगा देते हैं. वैसे इनके सारे मिशन अधिकतर सीक्रेट ही रखे जाते हैं. 

देश लिए कुर्बान होने वाले और अपनी जान दांव पर लगाने वाले इन वीरों को हमारा सलाम. 

आपको ये भी पसंद आएगा
सेना का ये जवान 14 साल से छुट्टी लेकर आता है रामलीला करने, रावण का रोल लोगों को आता है पसंद
Kargil Vijay Diwas: भारतीय सेना के वो 8 जांबाज़ हीरो, जिन्होंने ‘कारगिल युद्ध’ में दिलाई थी जीत
Kargil Vijay Diwas: कहानी 21 की उम्र में शहीद हुए एक जवान की, जिनका सपना उनकी मां कर रही हैं साकार
कहानी भारतीय सेना के एक ऐसे जवान की, जो युद्ध के दौरान हो गया था गायब, फिर भेड़ बनकर लौटा
एक बहन है बॉलीवुड एक्ट्रेस, तो दूसरी कर रही है देश सेवा, जानते हो बहनों की इस ख़ूबसूरत जोड़ी का नाम
कारगिल शहीदों से जुड़ी ऐसी 7 कहानियां जो उनके परिवारवालों ने सुनाई, पढ़ कर आंखें हो जाएंगी नम