World Poetry Day पर कुछ आम-से लोगों ने हमारे साथ साझा की, कुछ ख़ास-सी कवितायें

Sumit Gaur

फेसबुक से ले कर ट्विटर, WhatsApp तक आप हर रोज़ न जाने कितनी ही कवितायें और ग़ज़लें पढ़ते होंगे. कुछ ग़ज़लें किताबों के ज़रिये किसी दोस्त का स्टेटस बनती हैं, तो किसी ने अपने अरमानों को अल्फ़ाज़ों का किरदार पहनाया होता है. आज जब ‘World Poetry Day’ है, तो आप सुबह से ही कई शायरों और कवियों की कवितायें पढ़ चुके होंगे, पर आज हम आपके लिए किसी बड़े शायर या कवि की कविताओं को लाने के बजाय, अपने बीच से ही अपने साथियों की कविताओं को चुन कर ले आये हैं. आख़िरकार आपके अंदर भी, तो कहीं न कहीं कोई कवि और शायर है, जो कभी किसी की आंखों को देख कर कुछ ख्व़ाब बुनता है, तो कभी किसी की भूख को कलम के ज़रिये कागज़ पर उतारता है.

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