इंसान का दिमाग कभी भी, कुछ भी सोच सकता है, साबित करते हैं ये 28 OMG फैक्ट्स

Akanksha Thapliyal

मैं ऐसा क्यों हूं, मैं ऐसा क्यों हूं?

खुद को लेकर हम जितनी भी बातें सोचते हैं, उनमें से एक ये बात भी है कि हम ऐसे क्यों हैं? क्यों हम कुछ चीज़ों को लेकर ख़ास तरह से व्यवहार करते हैं. या क्यों हम हंसने के वक़्त रोते और रोने वाली बात पर हंसने लगते हैं.

‘खुद को टेढ़ा और थोड़ा खिसका हुआ’ समझने वाले हम अकेले नहीं, हमारे जैसे कई हैं. और हमें थोड़ा-सा अजीब बनाता है हमारा दिमाग. जितना हम सोचते हैं, उससे ज़्यादा खेल दिखाता है अपने दिमाग.

चलिये इस चंचल मन-मस्तिष्क के बारे में कुछ मज़ेदार Facts आपको बताते हैं, हैरान होने Ready रहना: 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 Gazab Designs By: Nishant Patel 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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