जियो तो इस लड़की की तरह जियो. अपने दम पर खुलवा दिए 2000 स्कूल और बना दिया हज़ारों का भविष्य

Akanksha Tiwari

कराची यूनिवर्सिटी से मास्टर्स की डिग्री हासिल करने वाली Qurutulain, England के Loughborough में स्थित University Of Technology से डॉक्टर की डिग्री भी हासिल कर चुकी हैं. Qurutulain बचपन से ही बेहद दयालु और सरल स्वाभाव की हैं. Qurutulain को जितनी ख़ुशी दूसरों की मदद करके मिलती है, उतनी किसी और काम में नहीं. कराची में जन्मी ये महिला दूसरों को भी ज़रूरतमंदों की मदद के लिए प्रेरित करती हैं.

अपने इसी स्वभाव के चलते, Qurutulain ने बलूचिस्तान सरकार के साथ मिलकर वहां 2000 स्कूल खुलवाए. सरकार की मदद की. Qurutulain की मेहनत रंग लाई और परिणाम स्वरूप 200,000 लड़कियों ने स्कूल में दाखिले के लिए नामांकन भरा. इतना ही नहीं Qurutulain, UNICEF के लिए भी काम करती हैं.

दूसरों के जीवन को बेहतर बनाने वाली Qurutulain को उनके इस कार्य के लिए 2006 में नोबेल पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया था. 1949 को जन्मी Qurutulain अपने घर की सबसे बड़ी बेटी थी. महज़ 16 साल की उम्र में शादी करने वाली Qurutulain के 21 साल की उम्र में तीन बच्चे थे.

वाकई दूसरों की मदद करने में जो ख़ुशी मिलती है वो किसी और काम में कहां. अपने लिये जीये तो क्या जीये, दूसरों के लिए जी कर दिखाओ तो जानें. 

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