पहले भी होती थी किताबों के साथ ज्ञान की होम डिलीवरी

Sumit Gaur

किताबों से हमारी दोस्ती कोई 100 साल या 200 साल पुरानी नहीं, बल्कि इसके साथ हमारा रिश्ता कई दशकों से चला आ रहा है, जो छोटी-बड़ी लाइब्रेरी के रूप में हमेशा साथ रहा है. वैसे भी बचपन से ही हम पढ़ते आये हैं कि किताबों से बेहतर हमारा दोस्त कोई नहीं. आज के डिजिटल युग में भी किताबें ऑनलाइन से लेकर ऑर्डर देने पर हमारे घर पर मौजूद हो जाती हैं. पर एक समय ऐसा भी था, जब लोगों के पास इस तरह की सुविधाएं नहीं हुआ करती थीं. ऐसे समय में भी लोगों का किताबों के प्रति प्यार कम नहीं था. आज हम आपके लिए कुछ ऐसी ही तस्वीरें ले कर आये हैं, जो बताती हैं कि किताबों के साथ हमारा रिश्ता कितना गहरा है.

1925 में एक बुक मोबाइल वैन.

1948 में चलती-फिरती लाइब्रेरी

70 के दशक में ईरान के कुर्दिस्तान की एक मोबाइल लाइब्रेरी.

किताबों में खुशियां तलाशते बच्चे.

1927 में Cincinnati की पहली पब्लिक लाइब्रेरी.

60 के दशक में मोबाइल वैन के अंदर का नज़ारा

1940 में कोलंबिया पार्क की एक लाइब्रेरी.

20वीं सदी के शुरुआत में इंडोनेशिया की बुक मोबाइल.

1926 में Multnomah County की लाइब्रेरी.

1927 में Iowa में किताबों का कारवां.

1933 में Compton Road की लाइब्रेरी.

Dutch Bookmobile के बाहर लगी किताब प्रेमियों की एक लाइन.

1920 में किताबों का आनंद उठाते हुए Craig Medvigny और David Sutton.

1970 के दशक में Utah State की लाइब्रेरी बुक मोबाइल.

चलती-फिरती लाइब्रेरी के साथ रहने वाले उसके कुछ स्टाफ.

1967 में एक ऐसी ही लाइब्रेरी के भीतर का दृश्य.

1973 में Anne Arundel के पास मौजूद एक लाइब्रेरी.

आखिर में एक और लाइब्रेरी बुक मोबाइल.

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