आखिर क्या वजह है कि दुनिया भर में 13 नंबर को माना जाता है अशुभ और ख़तरे का अंक

Nagesh

हमारे देश में कई तरह के अन्धविश्वास आज भी प्रचलन में हैं. कुछ अन्धविश्वास तो ऐसे भी हैं, जो समाज में अपनी ऐसी जगह बना चुके हैं कि उन्हें निकाल पाना बड़ा मुश्किल है. आज भी बाहर जा रहे लोगों को कोई पीछे से टोक दे या बिल्ली आगे से गुज़र जाये तो भले ही उनका लाखों का नुकसान हो जाये, पर वो आगे नहीं बढ़ेंगे. इन सबसे अलग एक शुभ-अशुभ का भी कॉन्सेप्ट होता है. आपको ये बात जान कर बड़ी हैरानी होगी कि देश की आर्थिक राजधानी मुंबई की कई बिल्डिंग्स में तेरहवां माला नहीं होता. तेरह नंबर, बस भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी अशुभ माना जाता है. कई आंकड़े बताते हैं कि 13 तारीख और शुक्रवार के संयोग के कारण हर साल अमेरिका में करीब नौ अरब डॉलर मूल्य की उत्पादकता प्रभावित होती है.

sinfulcelluloid

मनोविज्ञान के अनुसार, 13 अंक से लोगों का ये डर थर्टीन डिजिट फोबिया या ट्रिस्काइडेकाफोबिया कहलाता है. इस डर से लोगों का आत्मविश्वास कम हो जाता है. आपको ये जानकर आश्चर्य होगा कि तेरह तारीख को पश्चिमी देशों में ज़्यादा दुर्घटनाएं होती हैं. इसमें भी इसी मनोवैज्ञानिक फोबिया का हाथ है. तेरह अंक को अशुभ मानने की शुरुआत कोड ऑफ़ हम्मूराबी से मानी जाती है. ये कोड बेबीलोन की सभ्यता में बनाये गये कानूनों का दस्तावेज़ है, चूंकि इसमें तेरह नंबर पर कोई नियम उल्लेखित नहीं है, इसलिए 13 को अशुभ माना जाने लगा. आम लोगों में भी इस धारणा का प्रसार हुआ, जिससे समाज में कई समुदाय इसे अशुभ मानने लगे. इतिहासकार इस व्याख्या को सिरे से ख़ारिज करते रहे हैं. उनका कहना है कि अंक 13 गलती से छूट गया था.

Satyagrah

अगर हम इस अंक को गणित की नज़र से देखें तो ये अंक न्यूनतम उपयोगी और असुविधाजनक माना जाता है. इससे एक पहले वाला अंक 12, गणितज्ञों द्वारा परफेक्ट माना जाता है. इसी हिसाब से दिन 12 घंटों का होता है, साल में 12 महीने होते हैं. पर 13 एक अविभाज्य और अपरिमेय संख्या है. ये भी एक कारण हो सकता है कि कम उपयोगी होने के कारण इसको अशुभ माना जाने लगा.

अब अगर धर्म के हिसाब से देखें तो पश्चिमी देशों में इसे अशुभ इसलिए माना जाता है, क्योंकि बाइबिल में एक कथा में ऐसा वर्णित है कि जब जीसस को हिरासत में लिया गया था, उसके ठीक एक दिन पहले एक सामूहिक भोज का आयोजन किया गया था. इस भोज में जुडास नाम का एक आदमी भी शामिल था, जो इस भोज का तेरहवां मेहमान था और उसी ने जीसस को धोखा देकर उन्हें गिरफ़्तार करवा दिया था. इस भोज की पेंटिंग The Last Supper बहुत मशहूर है. अगले दिन जीसस को सूली पर लटका दिया गया. एक और कहानी ये चर्चित है कि देवताओं के लिए एक भोज का आयोजन किया गया था. इसमें लोकी जो बुराइयों और अंधेरे के देवता हैं, तेरहवें मेहमान के रूप में आकर बाकी 12 देवताओं को मार दिए. तब से 13 को अशुभ माना जाने लगा.

Eddiecrosby

अगर आप भी किसी संख्या को अपने जीवन में अशुभ मानते हैं, तो पहले इसके पीछे की वजह का पता लगाइए. क्या पता आपका कोई ज़रूरी काम इन फालतू की ढकोसलों के चक्कर में बर्बाद हो जाए.

Feature Image: MentalFloss

Source: Satyagrah

आपको ये भी पसंद आएगा
बेवफ़ा समोसे वाला: प्यार में धोखा मिला तो खोल ली दुकान, धोखा खाये लवर्स को देता है डिस्काउंट
जानिये दिल्ली, नई दिल्ली और दिल्ली-NCR में क्या अंतर है, अधिकतर लोगों को ये नहीं मालूम होगा
जानिए भारत की ये 8 प्रमुख ख़ुफ़िया और सुरक्षा जांच एजेंसियां क्या काम और कैसे काम करती हैं
मिलिए गनौरी पासवान से, जिन्होंने छेनी व हथोड़े से 1500 फ़ीट ऊंचे पहाड़ को काटकर बना दीं 400 सीढ़ियां
ये IPS ऑफ़िसर बेड़िया जनजाति का शोषण देख ना पाए, देखिए अब कैसे संवार रहे हैं उन लोगों का जीवन
अजय बंगा से लेकर इंदिरा नूई तक, CEO भाई बहनों की वो जोड़ी जो IIM और IIT से पास-आउट हैं