Reynolds पेन: न दाम बदले और न क्वालिटी, कल भी 5 रुपये में मिलता था और आज भी उसकी कीमत उतनी ही है

Akanksha Tiwari

‘आदमी  5 रुपये में भर पेट खाना खा सकता है’

कुछ साल पहले बॉलीवुड एक्टर और कांग्रेस नेता राज बब्बर ने ये बयान देकर मार्केट में बवाल मचा दिया था. आज के दौर में ऐसा संभव है क्या भला? ज़ाहिर सी बात है, जवाब ‘नहीं’ है. मंहगाई आसमान छू रही और आम आदमी मज़बूरी और तंगी में ज़िंदगी गुज़र-बसर कर रहा है.

patrika

खाने-पीने की चीज़ें हों या फिर बच्चों की पढ़ाई-लिखाई हर तरफ़ मंहगाई की मार है. पहले जहां 500 रुपये में हफ़्ते भर का ख़र्च चल जाता था, तो वहीं अब ये पैसे दो दिन चल जाएं बहुत बड़ी बात है. मंहगाई का हाल तो आप जानते ही हैं, लेकिन आज भी एक चीज़ ऐसी है जिसकी क़ीमत पर मंहगाई का कोई असर नहीं पड़ा. वो तब भी 5 रुपये में मिलता था और आज भी.

imimg

अब ज़्यादा परेशान न करते हुए बता ही देते हैं कि हम बात कर रहे हैं 5 रुपये वाले Reynolds पेन की, जो आज भी 5 रुपये का मिलता है. देखा जाए तो, ये पेन अर्थशास्त्रियों और सेल्स वालों के लिए एक रिसर्च का विषय होना चाहिए. पिछले 28 सालों में मंहगाई आसमान छू गई है, लेकिन ये पेन अब भी 10 रुपये से कम में बिक रहा है. इसके अलावा ध्यान देने वाली बात ये है कि इसकी क्वालिटी से भी समझौता नहीं किया गया है.

fourniturescolaires

हम में से कम से कम 80 प्रतिशत लोग ऐसे होंगे, जो इसी पेन से अपना स्कूल होमवर्क निपटाते थे, यहां तक कि एक्ज़ाम भी इसी पेन से देते थे. है न? सोचो-सोचो आखिर इस पेन पर मंहगाई का कोई असर क्यों नहीं पड़ा?

अगर आपको भी Reynolds से लिखना पसंद था, तो कमेंट में अपने दिल की बात कह सकते हैं.

आपको ये भी पसंद आएगा
बेवफ़ा समोसे वाला: प्यार में धोखा मिला तो खोल ली दुकान, धोखा खाये लवर्स को देता है डिस्काउंट
जानिये दिल्ली, नई दिल्ली और दिल्ली-NCR में क्या अंतर है, अधिकतर लोगों को ये नहीं मालूम होगा
जानिए भारत की ये 8 प्रमुख ख़ुफ़िया और सुरक्षा जांच एजेंसियां क्या काम और कैसे काम करती हैं
मिलिए गनौरी पासवान से, जिन्होंने छेनी व हथोड़े से 1500 फ़ीट ऊंचे पहाड़ को काटकर बना दीं 400 सीढ़ियां
ये IPS ऑफ़िसर बेड़िया जनजाति का शोषण देख ना पाए, देखिए अब कैसे संवार रहे हैं उन लोगों का जीवन
अजय बंगा से लेकर इंदिरा नूई तक, CEO भाई बहनों की वो जोड़ी जो IIM और IIT से पास-आउट हैं