1650 डूबते लोगों को बचाया, 275 जगहों से सम्मान पाया लेकिन अपनी मजबूरी में परगट सिंह अकेले पड़ गए

Kundan Kumar

‘तुम किसी के साथ अच्छा करोगे, तो तुम्हारे साथ भी अच्छा होगा’, ये बात आपने भी कई बार कही होगी. ये वाक्य हमें अच्छा काम करने के लिए प्रेरित भी करता है. शायद यही सोचकर 41 साल के परगट सिंह ने अपना जीवन लोगों की सेवा में लगा दिया, लेकिन जब उन्हें ज़रूरत पड़ी, तो वो अकेले पड़ गए.

हरियाणा के कुरुक्षेत्र के निवासी, परगट सिंह 13 साल से डूबते हुए लोगों को बचा रहे हैं, पानी से लाशें निकाल रहे हैं और ऐसे कई ख़तरनाक जानवरों को पकड़ा है जिनसे मानव जीवन को ख़तरा हो सकता है.

परगट सिंह अंदाज़े से बताते हैं कि उन्होंने पिछले 13 सालों में लगभग 1650 लोगों को डूबने से बचाया है. वहीं कम से कम 11,802 डूबे हुए लाश को निकाला है. लेकिन ये सब परगट सिंह पैसे के लिए नहीं करते हैं, पेट और परिवार चलाने के लिए वो गौशाला चलाते हैं.

23 अक्टूबर को ससुराल से लौटते वक्त परगट सिंह और उनकी पत्नी सड़क दुर्घटना में घायल हो गए. पिछले दो सप्ताह से कुरुक्षेत्र के ‘अपना हॉस्पिटल’ में उनका इलाज चल रहा है लेकिन प्रशासन की ओर से कोई भी उनकी खोज-खबर लेने नहीं आया.

जब उन्हें नहर या तलाब से किसी की लाश निकालनी होती है तब वो हमेशा मुझे बुलाते हैं और मैं उनका आभारी रहता हूं. आज मुझे उनकी ज़रूरत है लेकिन कोई मेरी ख़ैरियत जानने भी नहीं आया, मैं इससे बहुत उदास हूं.

परगट सिंह ने अपने जीवन में आठ जि़ंदा मगरमच्छ भी पकड़े हैं. पिछले 13 सालों में 275 विभिन्न संस्थानों ने परगट सिंह को सम्मानित किया है.

न कोई विधायक और न ही पुलिस विभाग से कोई देखने आया. मुझे मांस-पेशियों में चोट लगी है और मेरी पत्नी को पैर में दो फ़्रैक्चर आए हैं, हम पिछले दो सप्ताह से अस्पताल में पड़े हुए हैं.

परगट सिंह का असली नाम रिचपाल सिंह हैं और वो कुरुक्षेत्र ज़िले के डबखेरी गांव से हैं.

परगट सिंह के गौशाला में 10 गाय हैं, जो उनकी कमाई का ज़रिया है. गोताखोरी का काम वो मुफ़्त में लोगों की सेवा करने के लिए करते हैं.

पिछले साल पंजाब के 3 लोग नहर में डूब गए थे. निजी गोताखोर लाश को निकालने के लिए 5 लाख मांग रहे थे. मैंने ये काम मुफ़्त में कर दिया, क्योंकि मैं लोगों से उनके नज़दीकी लोगों के शव निकालने के पैसे नहीं लेता.

परगट सिंह की तीन बेटियां हैं. वो अन्य लोगों के गोताखोरी की ट्रेनिंग भी देते हैं.

सरकार ने छोड़ा, लोगों ने हाथ बढ़ाया

हालांकि सरकार ने परगट सिंह का साथ छोड़ दिया लेकिन उनके काम को देखते हुए कई लोग उनकी मदद के लिए खड़े हो गए.

TOI ने 29 अक्टूबर को परगट सिंह की कहानी लोगों तक पहुंचाई थी. जिसमें जिला अधिकारी और DSP के हवाले से कहा गया था कि वो परगट सिंह की मदद करेंगे, लेकिन ये मदद अभी तक परगट सिंह तक नहीं पहुंची.

कुरुक्षेत्र के डिप्टी सुपरिटेंडेंट ऑफ़ पुलिस गुरमेल सिंह ने कहा, ‘परगट पिछले 12-13 साल से इस क्षेत्र में काम कर रहा है. हमे जब भी उसकी ज़रूरत पड़ती हो वो बिना किसी भुगतान के हमारे लिए काम करता है. आज मैं उससे मिलने अस्पताल गया था और हम निजी तौर पर उसकी सहायता करेंगे. मैं प्रशासन से निवेदन करूंगा कि वो लंबे समय से मानवता की सेवा करने वाले परगट सिंह को सहायता प्रदान करे.’

आप भी परगट सिंह को आर्थिक मदद पहुंचा सकते हैं. नीचे उनके बैंक अकाउंट की जानकारी दी हुई है.

CIF No- 990044043454

Account No- 37365963305

IFSC Code- SBIN0031908

Account Holder’s Name- Richpal Singh

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