जब भी आप किसी नेता का काफ़िला गुज़रने की वजह से ट्रैफ़िक में फंसे होंगे, तब आपके दिमाग़ में उनकी सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सवाल ज़रूर उठा होगा. ख़बरों में भी हम पढ़ते रहते हैं कि फ़लाने नेता को Z+ सिक्योरिटी मिल गई, फ़लाने नेता से Z+ सिक्योरिटी हटा ली गई, किसी की सिक्योरिटी बढ़ा कर Z प्लस सिक्योरिटी दे दी गई.
Z+ सिक्योरिटी में सुरक्षा मिलती है, ये सभी जानते हैं. लेकिन असल में इस सुरक्षा में होता क्या है, आज ये समझाते हैं.
सुरक्षा श्रेणियां
भारत में व्यक्ति विशेष के लिए मुख्यत: पांच स्तर की सुरक्षा श्रेणी उपलब्ध हैं, SPG, Z+, Z, Y और X. इनमें SPG सबसे उच्च श्रेणी का सुरक्षा कवच होता है. ये राष्ट्रपति, उप-राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, सुप्रीम कोर्ट के जज, हाई कोर्ट के जज, पूर्व प्रधानमंत्री, पूर्व राष्ट्रपति इत्यादि को मुहैया कराई जाती है. इस सुरक्षा श्रेणी की जानकारी गोपनीय रहती है. VVIPs या VIPs की सुरक्षा के लिए ये सुरक्षा एजेंसियां कटिबद्ध होती हैं- Special Protection Group, National Security Guards, Indo-Tibetan Border Police, Central Reserve Police Force .
Z Plus Security
National Security Guard ये सुरक्षा मुहैया कराती है. इस दल बल में 55 जवान तैनात रहते हैं, जिनमें 10 से ज़्यादा कमांडो होते हैं और बाकी पुलिस के सिपाही हैं. सभी कमांडो Heckler & Koch MP5 जैसे उपकरणों से मुस्तैद रहते हैं. सुरक्षा में तैनात सभी जवान मार्शल आर्ट्स जैसी युद्ध कला में निपुण होते हैं. वर्तमान में भारत में 17 लोगों को Z Plus सुरक्षा दी जाती है, जिसमें मुख्यत: राज्यों के मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री हैं.
Z Security
इस सुरक्षा श्रेणी में 22 सुरक्षाकर्मी तैनात रहते हैं. जिसमें 4-5 कमांडो और बाकी पुलिस के जवान होते हैं.
Y Security
Y श्रेणी में कुल 11 सुरक्षाकर्मी होते हैं. 1-2 कमांडो और बाकी पुलिस के जवान.
X Security
X श्रेणी के लिए 5 से 2 सुरक्षाकर्मी की ज़रूरत होती है. इसमें दोनों पुलिस के जवान होते हैं.
राज्यों के राज्यपाल, मंत्रियों, और उनके परिवार के सदस्यों के अलावा अन्य लोगों को भी ऐसी सुरक्षा व्यवस्था दी जाती है, जैसे- अनिल अंबानी, बाबा रामदेव इत्यादि. हालिया आंकड़ों के अनुसार भारत में लगभग 14 हज़ार लोगों के लिए इस व्यवस्था के तहत लगभग 50 हज़ार सुरक्षाकर्मी लगे हुए हैं.