किसी काम को करने के दो ही तरीक़े होते हैं, या तो आप उस काम को करेंगे, या बहाना बना कर टाल देंगे. या फिर सभी चुनौतियों का सामना करके कामयाबी हासिल करेंगे. आज कुछ ऐसे ही लोगों से हम आपको रूबरू कराएंगे, जिन्होंने अपनी कमज़ोरी को कामयाबी के रास्ते में नहीं आने दिया. उन्होंने हार नहीं मानी और न बहाने बनाए. बल्कि ज़िंदगी में कुछ कर गुज़रने की चाहत से दुनिया में अलग पहचान बनाई. ये वो लोग थे, जो जन्म से दुनिया को देख तो नहीं सकते थे, लेकिन अपने जुनून से, लगन से, आत्मविश्वास से, अपने सपनों को हासिल कर दिखाया और दुनिया को बता दिया कि अगर आप असफ़ल होते हैं, तो उसके लिए परिस्थितियां ज़िम्मेदार नहीं होती, बल्कि आप और सिर्फ़ आप ज़िम्मेदार होते हैं. सिकंदर ने कहा था, ‘प्रयास करने वालों के लिए कुछ भी असंभव नहीं’.
1. ओलंपिक में पहला ब्लाइंड एथलीट
Marla Runyan का जन्म अमेरिका के कैलिफ़ॉर्निया में हुआ था. 9 साल की उम्र से ही वो Stargardt’s नामक बीमारी से ग्रसित थी और उन्हें क़ानूनी रूप से ब्लाइंड घोषित कर दिया गया था, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी. सपने देखने बंद नहीं किये, अपने जुनून को बरकरार रखा. 1987 में सैन डिएगो स्टेट यूनिवर्सिटी में जाकर पढ़ाई की, स्पर्धाओं में भाग लेना शुरू किया और 1998 के ग्रीष्मकालीन Paralympics में चार स्वर्ण पदक जीते. अटलांटा में 1996 के Paralympics में उन्होंने रजत पदक हासिल किया.
Marla Runyan को विश्व स्तर पर पहचान तब मिली, जब उन्होंने 1999 में Pan American गेम्स में 1500 मीटर की दौड़ में जीत हासिल की. 2000 में सिडनी ओलंपिक में 1500 मीटर की दौड़ में आठवें स्थान पर आ कर ओलंपिक में भाग लेने वाली पहली Blind खिलाड़ी बनने का रिकॉर्ड बनाया. उन्होंने लगातार तीन बार 5000 मीटर दौड़ में राष्ट्रीय चैंपियनशिप का ख़िताब अपने नाम किया. उनकी आत्मकथा ”No Finish Line ,My Life As I See it’ में अपने जीवन के संघर्ष और लक्ष्य को हासिल करने तक के सफ़र को किताब के माध्यम से लोगों तक पहुंचाने की कोशिश भी की है.
2. द ब्लाइंड सर्फ़र
Derek Rabelo दुनिया के फ़ेमस सर्फ़र हैं. (सर्फ़िंग एक तरह का समुद्री खेल) लेकिन वो जन्म से ब्लाइंड और ग्लूकोमा दोनों के शिकार थे. महज तीन साल की छोटी उम्र में उन्होंने सर्फ़िंग सीखनी शुरू कर दी थी. एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने बताया कि, ‘मेरे पिताजी को सर्फिंग बेहद पसंद थी और वो मुझे एक मशहूर सर्फ़र बनाना चाहते थे. अगर मैं उनके सपने को पूरा नहीं करता, तो एक अपराधी कहलाता.
जिसके पास आंखें हैं, वो समुद्र को देख सकते हैं. मगर मैं उनसे बेहतर महसूस कर सकता हूं, उनसे बेहतर सुन सकता हूं. Derek Rabelo की ज़िंदगी पर एक फ़िल्म ‘Beyond Sight’ भी बन रही है, जिसके नायक खुद Derek Rabelo हैं.
3. द ब्लाइंड पेंटर
John Bramblitt ने मिर्गी की वजह से 30 साल की उम्र में अपनी दृष्टि खो दी थी और गहरे अवसाद में चले गए थे. लेकिन उन्होंने ज़िन्दगी से हार नहीं मानी और एक ऐसे तरीके को ईजाद किया, जिसे आप स्पर्श कर, उसके ऊपर पेंट कर सकते हैं.
आज उनकी कला बीस से अधिक देशों में बेची जा रही है. उनके कला को प्रिंट, टीवी, रेडियो के माधयम से अंतर्राष्ट्रीय रूप से प्रदर्शित किया जा रहा है. उनकी विडियो को YouTube की सबसे प्रभावशाली वीडियो (2008) के तौर पर नामांकित किया गया था.
4. द ब्लाइंड NASCAR ड्राइवर
Mark Anthony Riccobono 5 साल की उम्र से कुछ नहीं देख सकते हैं. लेकिन वो अमेरिका में NASCAR ड्राइवर हैं. सोचने में थोड़ा अजीब लगता है पर ये सच है. Mark बताते हैं की ये सब कुछ टेक्नोलॉजी के माधयम से हो पाया और अब वो नेशनल फ़ेडरेशन ऑफ द ब्लाइंड संस्था के साथ मिलकर काम कर रहे हैं और समाज को ये संदेश दे रहे हैं कि दृष्टिहीन लोग समाज को समायोजित कर सकते हैं. उनके साथ कदम से कदम मिला कर चल सकते हैं.
5. द ब्लाइंड शेफ़
Christine Hà मात्र 14 साल की थी, जब उनकी मां की मृत्यु हो गई. 27 साल की उम्र में Neuromyelitis Optica नामक बीमारी से उन्होंने अपनी आंखों की रौशनी खो दी. लेकिन सपने देखने बंद नहीं किए और ज़िंदगी की सारी चुनौतियों को मात दे दी. आज वो अमेरिका की मशहूर शेफ़, लेखिका और टीवी होस्ट हैं. वो अमेरिकन टीवी शो ‘मास्टर शेफ़’ की सबसे पहली दृष्टीहीन प्रतियोगी बनीं और 2012 में तीसरे दौर की विजेता भी रह चुकी हैं.
6. द ब्लाइंड फ़ोटोग्राफ़र
मैंने मूर्तिकला और औद्योगिक डिज़ाइन में पढ़ाई की है. मुझे अच्छी तरह से याद है, कि जब मुझे ग्रेजुएशन की डिग्री मिलने वाली थी, तब मैं Retinitis Pigmentosa बीमारी की वजह से अपनी आंखों की रौशनी खोने लगा था और कुछ ही सालों में मेरे आंखों की रौशनी पूरी तरह से चली गई. मुझे समझ में नहीं आ रहा था कि मेरी ज़िंदगी में क्या होगा. बचपन में मुझे फ़ोटोग्राफ़ी का शौक था. मैंने उसे अपने जीवन का उद्देश्य बनाया. आज दुनिया का मशहूर ब्लाइंड फ़ोटोग्राफ़र हूं. मैं उस दृश्य को देखता हूं, जिसे अपने मन में बनाना चाहता हूं और एक तस्वीर बनाने के लिए उसकी आवाज़, स्पर्श और स्मृति का उपयोग करता हूं. मैं एक दृश्य व्यक्ति हूं, लेकिन देख नहीं सकता.
7. द ब्लाइंड आर्किटेक्ट
Christopher Downey एक आर्किटेक्ट, प्लैनर और सलाहकार हैं, जिन्होंने 2008 में अपनी दृष्टी खो दी थी. इसके बाद उनका वास्तुकार के रूप में काम करना बेहद मुश्किल था. लेकिन ज़िदगी का तजुर्बा और साहस काम आया, उस वक़्त वो एक दृष्टिहीन कम्प्यूटर वैज्ञानिक के साथ काम करते थे, जिन्होंने एक स्पर्श प्रिंटर के माध्यम से ऑनलाइन मानचित्र प्रिंट करने का एक तरीका ईजाद किया. आज वो नेत्रहीन लोगों के लिए और अधिक सहायक सिद्ध हो रहा है.
इन लोगों ने कभी ज़िंदगी में हार नहीं मानी और दुनिया को बता दिया कि अगर आप चाहें, तो कुछ भी नामुमकिन नहीं है. कहते हैं कि सफ़लता आपके इरादे आज़माती है, अगर आपके हौसले बुलंद हैं, तो आपको क़ामयाब होने से कोई नहीं रोक सकता. थॉमस एडिसन का हमेशा से ही यह कहना था, ‘हमारी सबसे बड़ी कमज़ोरी हार मान लेना है, सफ़ल होने का सबसे बेहतर तरीका है कि हमेशा एक और बार प्रयास करना क्योंकि जब आप असफ़ल होते और अपने काम को छोड़ देते हैं, तब आप सफ़लता के बहुत करीब होते हैं.