अगर हम कहें कि घर के पीछे वाले बगीचे को आप सालभर में जंगल में बदल सकते हैं तो आप कहेंगे कि ये ScoopWhoop Hindi वाले पगला गए हैं. यक़ीन मानिए, दिमाग़ ठिकाने पर ही है. पर आप चाहें तो ऐसा बिल्कुल संभव है.
घर के पीछे जंगल उगाने में आपकी मदद कर सकते हैं शुभेंदु शर्मा. पेशे से कभी इंडस्ट्रियल इंजीनियर रहे शुभेंदु, Miyawaki Method से पेड़ लगाते हैं. Miyawaki Method से कमर्शियल पेड़-पौधों की तुलना में ज़्यादा देसी पेड़-पौधे लगाए जाते हैं. पेड़ों को एक Sequence में उगाया जाता है और इनके रख-रखाव में भी कम मेहनत लगती है.
शुभेंदु Toyota Plant में काम करते थे और वहीं उन्होंने Naturalist, Akira Miyawaki को पेड़ लगाने में मदद करने की सहायता की. Miyawaki की तकनीक ने Amazon के जंगलों से लेकर थाईलैंड तक जंगलों को Regenerate किया है और शुभेन्दु यही तकनीक भारत में ले आए.
शुभेंदु ने सबसे पहले उत्तराखंड स्थित अपने घर के पीछे इस Method से मदद से 1 साल के अंदर हरा-भरा जंगल उगाया. इस सफ़लता ने उन्हें नौकरी छोड़ने का आत्मविश्वास दिया. नौकरी छोड़ने के बाद उन्होंने 1 साल तक इस Method पर रिसर्च किया. काफ़ी सारी, प्लैनिंग, रिसर्च के बाद शुभेन्दु ने 2011 में Afforestt की शुरुआत की.
Edex Live में बातचीत के दौरान कहा,
हमारी 14 लोगों की Core Team है और इनमें से 8 लोग On-Site पर काम करते हैं. हमारा Set up वैसे तो दिल्ली, बेंगलुरू और जोधपुर में है पर हम देशभर और देश के बाहर भी घूमते रहते हैं.
-शुभेंदु
Method के बारे में Edex Live में कहा,
सबसे पहला स्टेप है उस क्षेत्र के देसी पेड़-पौधों की पहचान करना. इसके बाद हम उन्हें 4 लेयर्स में डिवाइड करते हैं- Shrub, Sub-Tree, Tree और Canopy. इसके बाद हम मिट्टी की गुणवत्ता की जांच करते हैं और पता लगाते हैं कि कौन से Biomass से मिट्टी की Perforation Capacity, Water Retention Capacity और Nutrients को बढ़ाया जा सकता है. इसके बाद हम एक मीटर तक ख़ुदाई करके Biomass मिलाते हैं. मिट्टी से Mound बनाया जाता है और बीजों को काफ़ी High Density पर लगाया जाता है- एक स्कवॉयर मीटर के दायरे में 4-5 पौधे और ज़मीन को लंबे घास-फुस से कवर किया जाता है.
-शुभेंदु
शुभेंदु की इस पहल से देश में घट रहे जंगल क्षेत्र को बढ़ाया जा सकता है. ऐसे लोगों को सरकार से भी मदद मिलनी चाहिए.
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